किराया वृद्धि के खिलाफ Metro का बहिष्कार करने से अकल ठिकाने आयेगा

जी हां, इस साल दूसरी बार दिल्ली Metro का किराया बढ़ने जा रहा है. इसका सबसे ज्यादा और सीधा असर काम करने वाले कर्मचारियों, स्टूडेंट, फेरीवाले इत्यादि पर पड़ेगा. जो कि मेट्रो से रोज आना-जाना करते हैं. भले ही आपकी सैलरी बढे न बढ़े मगर मंहगाई ने आसमान छू लिया हैं. जिसके बाद मेट्रो का किराया का बढ़ना सुनकर हो सकता है आपको गुस्सा आ सकता है. भले ही कुछ लोग इस तरह बढ़ती हुई बेलगाम मंहगाई को देश के तरक्की के लिए जरुरी बता रहे होंगे. मगर जब उनको खुद दाल-रोटी जोड़नी पड़ती होगी तब जरूर अकेले में सरकार को कोसते ही होंगे.

Metro का किराया वृद्धि के खिलाफ

दिल्ली Metro की नई दरें लागु होने के बाद मेट्रो का न्यूनतम किराया 10 से बढ़कर 15 और अधिकतम किराया 50 से बढ़कर 60 हो जायेगा. सबसे आश्चर्ज कि बात यह है कि यह दर आने वाले 3 अक्टूबर से ही लागु हो जायेगा. मेट्रो के इस फैसले से 300 से 600 रुपया प्रति व्यक्ति प्रति महीने का चूना लगेगा.
इससे पहले मई में डीएमआरसी ने किराया बढ़ाया था. जिसके कारण यात्रियों की संख्या में कमी आई है. जिसको पूरा करने के लिए दुबारा से किराया में बढ़ोतरी की जा रही है. पत्रिका न्यूज के रिपोर्ट के अनुसार डीएमआरसी ने अपने सर्वे में पाया है की मेट्रो में ज्यादातर नौकरी वाले लोग सफर करते हैं. जिनकी आय लगभग 10 हजार से 30 हजार के बीच है. जबकि 50 से ऊपर कमाने वाले कम ही लोग मेट्रो में सफर करते है.

 

डीएमआरसी द्वारा मई में किराये में की गई बढ़ोतरी से यात्रियों की संख्या में कमी से मेट्रो को नुकसान हुआ है. अब इस नुकसान की भरपाई करने के लिए दुबारा से किराया बढ़ोतरी की जा रही है. इससे प्रतीत होता है कि प्रबंधन ने पहले वाली गलती से सीख नहीं ली है और दुबारा से वही गलती दुहराने जा रहा है.

उनको जाकर कोई बताओ कि किराया बढ़ाने से नुकसान की भरपाई होगी या और फिर से और यात्रियों में कमी होने से नुकसान और ज्यादा ही बढ़ जायेगा? पिछली बार लोगों ने किराया वृद्धि के खिलाफ लोगों ने खूब प्रोटेस्ट किया मगर कोई असर नहीं हुआ. इस बार कुछ नया करते हैं. ऐसे लोगों को सबक सीखने के लिए कुछ दिनों के लिए मेट्रो का पूरी तरह से बहिष्कार कर देना चाहिए. ताकि डीएमआरसी प्रबंधन के अकल ठिकाने आ जाये.

Share this

Leave a Comment