मोदी सरकार ने EPF interest rate 2020 घटाकर 8.55% प्रतिशत किया

अगर आप नौकरी कर रहें हैं तो यह खबर आपके लिए दुखदायी हो सकता है. केंद्र की मोदी सरकार ने इंप्लाइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (ईपीएफओ) का ब्याज दर ( EPF interest rate 2020) घटाने का निर्णय लिया है. इसके तहत ईपीएफओ अपने करीब 5 करोड़ अंशधारकों को बड़ा झटका दिया है. EPOF  ने 2017-18 के लिए प्रोविडेंट फंड (पीएफ) पर ब्याज दर 8.55 फीसदी तय की है, जबकि पिछले साल यह 8.65 फीसदी थी.

EPF interest rate 2020 घटाया?

सरकार के द्वारा ईपीएफओ ब्याज दर में लगातार तीसरी बार कटौती की गई है.  ईपीएफओ ने 2016-17 के लिए 8.65 फीसदी ब्याज दर की घोषणा की थी. यह 2015-16 में 8.8 फीसदी थी और अब 2017-18 के लिए  8.55 हो जायेगी.

EPFO ने 2016-17 के लिए 8.65 फीसदी ब्याज दर की घोषणा की थी. यह 2015-16 में 8.8 फीसदी थी.

हिंदी न्यूज़ 18 के रिपोर्ट के अनुसार ईपीएफओ अगस्त 2015 से ईटीएफ में निवेश कर रहा है और अब तक इसमें 44,000 करोड़ रुपए का निवेश किया है. नवीनतम वैल्यूशन के मुताबिक 16 फीसदी का रिटर्न कमाया है

फाइनेंसियल एक्सप्रेस के अनुसार केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बैठक के बाद कहा, ‘अभी के वक्त में आर्थिक हालात को देखते हुए भविष्य के बारे में मूल्यांकन करना मुश्किल है. हमने पिछले साल 8.65 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया, जिसके बाद 695 करोड़ रुपये का सरप्लस बचा है. 2017-18 के लिए 8.55 प्रतिशत की दर से ब्याज देने की सिफारिश की है, इससे 586 करोड़ रुपये का सरप्लस बचेगा.’.

एक तरह देखें तो ईपीएफओ के ब्याज दर में कटौती कर कर्मचारियों के जेब पर सीधे डाका डाला गया है. EPFO कर्मचारियों के लिए बचत होने के साथ साथ निवेश योजना भी है, वह छोटी-छोटी किस्तों में बचत भी कर सकता है और इसके साथ उसको उचित एवं चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है.

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