Blog- IRCTC के साहब लोग से जब भी सैलरी कि बात करो तो साहब बापू के बंदर बन जाते है. जो अफसर साहब लोग आपको यह कह कर आपका हक मार रहे कि कोर्ट से ही वेतन वृद्धी ले लेना, तो वो भूल रहे है कि उनके वर्क लिस्ट में ही आपको सोशल सिक्यूरिटी देना. समय-समय पर आपके प्रोब्लम्स दूर नहीं होने पर अपने उच्च अधिकारी तक मामला फॉरवर्ड करना है. उनको ये भी बताये कि अगर हम कोर्ट से ही सब कुछ ले लेंगे तो कम्पनी का आप ऑफिसर लोग पर लाखों रुपया महीना सैलरी के रूप में क्यों बर्बाद कर रही है. उनसे पूछिए कि अगर हम काम करना बंद कर दे तो कम्पनी आपको सैलरी दे देगी?
सैलरी कि बात करो तो साहब
ये लोग अपनी सेवा शर्त को भी अनदेखा कर सारे नियम को ताक पर रख दे रहे है. शायद ये सारे ऑफिसर भूल रहे है कि आपके काम करने के कारण ही इनको बिना ऑफिस आये वेतन मिलता है. सारा काम वर्कर करते है और ये लोग अपना पीठ खुद ठोकते ही नहीं बल्कि अपने नाम का अवार्ड भी खुद ही सेंक्शन कर लेते है.
ओ भी सरकारी खजाने में सेंध लगा कर. ठेका वर्कर के हक का पैसा मारकर कम्पनी का प्रोफिट अरबो-खरबो में दिखाते है. हमारे साब लोग अपनी ईज्जत खुद ही खराब कर रहे है, वर्कर की नज़र में. जब केस लड़ने से ही मिलेगा तो साब जी आप भूल रहे कि यह रास्ता आपने ही दिखाया है. याद रखे समय मौका सबको देता हैं. आज आपको तो कल हमारा होगा.
आपलोगों का यह शोषण कल विद्रोह का शक्ल अखतियार करेगा. इतिहास गवाह हैं कि चिंगारी को जितना दबाने का कोशिश करो, उतना ही शोला का रूप लेगा. मजदूरों की आवाज न कभी दबी हैं और न कभी दबेगी. ओ देखो दूर से आती हुई तूफ़ान को और पहचानो कि यह क्रांति का आगाज तो नही, एक नयी सुबह का. इंकलाब आयेगा. हम इंकलाब लायेंगे.