Anganwadi Workers ने किया घेराव, केजरीवाल ने मिलने से किया इंकार

नई दिल्ली: दिनांक 03 जुलाई 2017 को दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेलपर्स यूनियन के नेतृत्व में हड़ताल के 7 वें दिन आँगनवाड़ी महिलाओं (Anganwadi Workers) ने अरविन्द केजरीवाल के घर के आगे विशाल जुटान किया. पिछले 4 महीनों से दिल्ली की आँगनवाड़ी की महिलाओं के मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है. जिसके खिलाफ उनका गुस्सा फूटा और अपने जायज़ हक़ों को हासिल करने के लिए दिल्ली भर की आँगनवाड़ियों पर ताले लगा दिए हैं. पिछले सात दिनों से न तो किसी आँगनवाड़ी पर खाना उतारा जाएगा न ही बांटा ही गया है.

Anganwadi Workers ने किया घेराव

आंगनवाड़ी यूनियन  के महिलाकर्मियों के अनुसार 2015 से अरविन्द केजरीवाल ने आँगनवाड़ी की महिलाओं की सारी मांगें मानने के बावजूद भी उनसे किये थे, मगर आज दो साल से ज्यादा बीत जाने के बाद एक भी वायदे को पूरा नहीं किया. अभी 7 जून 2017 को महिला एवं बाल विकास विभाग के मंत्री मनीष सिसोदिया से भी यूनियन प्रतिनिधियों ने मिलकर बात किया मगर आँगनवाड़ी की महिलाओं की माँगों को मानने से इंकार कर दिया. 

जिसके बाद हजारों आँगनवाड़ी महिलाओं ने अपनी माँगें मनवाने और केजरीवाल सरकार के अड़ियल आँगनवाड़ी-महिला विरोधी रवैये के ख़िलाफ़ घण्टों तक राजघाट के नज़दीक पूरी रिंग रोड़ का चक्का जाम किया. उन्होंने एक तरह से पूरे शहर को ठप्प कर दिया था.
आज भी केजरीवाल ने तानासाही दिखते हुए बात करना मुनासिब नहीं समझा और यूनियन के प्रतिनिधि मंडल से मिलने से मना कर दिया. जिसके बाद आँगनवाड़ी महिलाओं ने अपने आंदोलन को और तेज करने के लिए आंगनवाड़ी सेंटर पर बचा-खुचा काम बंद करने की रणनीति बनायी है. इसके  साथ ही संघर्ष को नेतृत्व देने वाली कमिटी का चुनाव किया. केजरीवाल की वायदाखिलाफी के ख़िलाफ़ महिलाओं ने केजरीवाल का पुतला भी फूंका. उन्होंने घोषणा किया कि कल आँगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर केजरीवाल के घर के आगे सुबह 9 बजे इक्कट्ठा होंगी.
ध्यान रहे कि केजरीवाल सरकार ऐसे ही आंदोलन के कारण सत्ता में आई है, मगर बहुत ही शर्म कि बात है कि केजरीवाल सरकार एक तो 4 महीने से बिना वेतन एक तो काम ले रहे है, दूसरा मिलने से भी कतरा रहे है. ऐसे में फिर किस मुंह से अगले चुनाव में जनता के बीच वोट मांगने जाएंगे?
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