NH-24 के गाजीपुर से लेकर अक्षरधाम तक चौड़ीकरण, पैदल यात्री की जान अटकी

पुरे दिल्ली को धुआं के धुंध ने घेर रखा है मगर यह मात्र पिछले कुछ दिनों से ही हुआ है. मगर हम पिछले 6 महीने से झेल रहे हैं. NH-24 के गाजीपुर से लेकर अक्षरधाम तक चौड़ीकरण का काम बहुत ही युद्ध स्तर पर पिछले 6 महीने से चल रहा हैं. अभी हाल ही में हुआ यूँ कि कल्याणपुरी से ईस्ट विनोद नगर होते हुए रास विहार के रास्ते लक्ष्मीनगर जाने वाली एक मात्र पूल (गुरद्वारा के पास) (खिचड़ीपुर पूल) को चौड़ीकरण के नाम पर तोड़ पर फिर से बनाया जा रहा हैं.

NH-24 के गाजीपुर से लेकर अक्षरधाम तक

जिसके बाद NH-24 के गाजीपुर से लेकर अक्षरधाम पुरे ट्रैफिक को मयूर विहार के रास्ते मंगलम जाने वाली पूल के नीचे डाइवर्ट किया गया था. लोगों को थोड़ा परेशानी होती थी मगर किसी तरह काम चल रहा था. ऐसे देखे तो जिसको ईस्ट विनोद नगर से रास विहार जाना होता तो पहले जहां मात्र 1 मिनट लगते थे वही अब भारी ट्रैफिक के कारण 20 मिनट लगने लगे.

पैदल यात्री एनच पर सड़क पार करने को मजबूर

मगर लोगों ने इसका भी विरोध नहीं किया. खैर करते भी क्यों यह सड़क पब्लिक के सुविधा के लिए ही तो बनाया जा रहा हैं. मगर यह क्या? पहला पूल (खिचड़ीपुर पूल) का निर्माण पूरा भी नहीं हुआ और पहले ट्रैफिक को जिस दूसरे पूल के तरफ डाइवर्ट किया था उसको भी तोड़ कर फिर से बनाने लगे. इससे हुआ यह कि कल्याणपुरी और मयूर विहार से रास विहार या मंगलम जाने वाले का संपर्क पूरी तरह टूट गया. खैर दोनों पूल को पूरी तरह ब्लॉक कर दिया गया हैं.
अब सवाल हैं कि गाड़ी वाले लोग तो जैसे-तैसे दुरी तय भी कर एनच-24 को पार कर लेंगे, मगर पैदल यात्री जिनकी संख्या हजारों में हैं, उनके वारे में प्रशासन ने सोचा भी नहीं. दोनों पूल के ब्लॉक होने के बाद पैदल यात्री जान हथेली पर डाल कर तेज गति की रफ़्तार से एनच पर भागती गाड़ी के बीच से सड़क पार करने को मजबूर हुए.

स्थानीय विधायक और न ही बीजेपी कांग्रेस, कोई ध्यान नहीं दे रहा

एक और बात देखने को मिली की इस कदर युद्ध स्तर पर तोड़फोड़ के कारण पिछले 2 महीने से ही इस एरिया में धूल के कारण दिन में ही रात का अनुभव होना आम बात हैं. इस निर्माण कार्य के कारण इस एरिया के लोगो का साँस लेना ही दुर्भर ही नहीं बल्कि सड़क पर खुदाई से पैदल चलना भी मुश्किल काम हैं. इस पर किसी का ध्यान भी नहीं गया, न तो स्थानीय विधायक श्री मनीष सिसोदिया और न ही बीजेपी ने कांग्रेस.

एलजी ऑफिस ईमेल को पीडब्लूडी के नोडल ऑफिसर को फॉरवर्ड किया

अब हमें नहीं पता कि इतना सब कुछ होने के बाद किसी नेता या जनता ने कम्प्लेन किया या नहीं मगर हमसे तो न रहा गया. इसके लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री, एलजी, सड़क परिवहन मंत्री, सेक्रेटरी सड़क परिवहन मंत्रालय,  स्थानीय  विधायक एसडीएम, एमसीडी इसके आलावा जो भी इस निर्माण कार्य से सम्बंधित हैं उनको ईमेल के द्वारा शिकायत दर्ज कराई. जैसे ही ईमेल किया ठीक उनके दूसरे दिन ही एलजी ऑफिस से मेरे ईमेल को पीडब्लूडी के नोडल ऑफिसर को फॉरवर्ड किया गया.

श्री अमूल्य पटनायक ने भी स्पेशल कमिश्नर ऑफ़ पुलिस /ट्रैफिक को कार्रवाई के लिए लिखा

इसके ठीक 15 दिन बाद दिल्ली के पुलिस कमिश्नर के श्री अमूल्य पटनायक ने भी स्पेशल कमिश्नर ऑफ़ पुलिस /ट्रैफिक को कार्रवाई के लिए लिखा. मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई. मैंने अपने ईमेल में केवल मांग की हैं कि या तो एक-एक कर पूल का निर्माण करवाया जाय मतलब एक बन कर पूरा हो जाये तो दूसरे पूल को तोड़ा जाये. जिससे लोगों को कम परेशानी का सामना करना पड़े. साथ ही साथ टूटे और ब्लॉक पूल के पास पैदल यात्री के लिए टेम्पररी ओवरब्रिज का निर्माण करवायें या फिर पैदल यात्री सुरक्षित एनच पर कर सकें इसलिए रेड लाईट लगाया जाए और उस जगह पर ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी लगवाया जाए. इसके बाद रिमाइंडर भी भेज चूका हूँ, मगर उचित कार्रवाई के लिए अभी भी इंतजार हैं.

हजारों लोगों के जान की कीमत से मांग कोई ज्यादा बड़ी नहीं

एक तरह से देखे हजारों लोगों के जान की कीमत से मांग कोई ज्यादा बड़ी नहीं हैं. मगर हर बात पर राजनीती करने वाले आम आदमी पार्टी के नेता श्री अरविन्द केजरीवाल और बीजेपी के केंद्रीय मंत्री अब यह नहीं कह सकते की ईमेल उन्हें नहीं आता. अभी शायद हमारी शिकायत पर गौर नहीं कर रहे मगर कल को कुछ अनहोनी या दुर्घटना घट जाये तब जाकर शायद ये नेता और प्रशासन केवल हाय तौबा मचायेंगे. बस अब यूँ समझ लीजिए कि गाजीपुर से लेकर अक्षरधाम तक एनच-24 के चौड़ीकरण के बीच पैदल यात्री की जान अटकी हैं.
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