इसके बाद शायद युवाओं का सरकारी विभागों में नौकरी पाना एक सपने जैसा हो जायेगा. इस मामले में मोदी सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों में पिछले 5 साल से खाली पड़े पदों को समाप्त करने पर विचार कर रही है. इकोनॉमिक्स टाइम्सके खबर के अनुसार केंद्र ने इस बारे में अपने सभी मंत्रालयों और विभागों से विस्तृत रिपोर्ट की मांग की है.
16 जनवरी 2018 को सभी कार्यालय को भेजे गए ज्ञापन के अनुसार, “सभी मंत्रालयों, विभागों के वित्तीय सलाहकारों तथा संयुक्त सचिवों से अनुरोध है कि वो मंत्रालयों या सम्बंधित विभागों के उन रिक्त पदों को चिन्हित करें जो पिछले पांच वर्ष या उससे अधिक से खाली पड़े हैं.” इसके बारे में बताया गया है कि कुछ विभागों व् मंत्रालयों ने तो इसका जवाब दिया जबकि कुछ ने व्यापक रिपोर्ट देने की बजाए महज जरूरी सूचना उपलब्ध करा दी है.
आईआरसीटीसी के सीपीआईओ श्री पीसी बिहारी ने आरटीआई कार्यकर्त्ता श्री मनोहर लाल मलकोटिया के सवाल का जबाब देते हुए बताया कि आईआरसीटीसी के आईटी सेंटर, नई दिल्ली में सेंक्शन पोस्ट की संख्या लगभग 530 हैं. जिसमें 55 परमानेंट वर्कर और 265 ठेका/आउटसोर्स वर्कर हैं. अब समझने की बात है कि यहां परमानेंट पोस्ट पर ठेका/आउटसोर्स वर्कर से वर्षों से काम लिया जा रहा है. अगर अन्य विभागों को देखे तो कुछ इसी तरह की जानकारी उपलब्ध होगी.
Worker voice की खबरें बहुत ही सही हैं . सरकार वास्तव में देश के लोगो को केवल झूठी राष्ट्र भक्ति वाली लच्छेदार भाषण पिला कर मूल समस्याओं सि से ध्यान भटकाने के काम कर रही है . कोई नौकरी नही , कोई विकास नही केवल पु पुंजी पतियो के हित साधन का काम कर रही है .
एकदम सही बात Narsingh जी,कभी गाय, कभी गोबर तो कभी खिचड़ी तो कभी पकौड़ा..उसी का हिस्सा है
2019 में चुनाव आने वाले है तो जॉब का प्रलोभन दिखाया जा रहा है युवाओ को पर मुझे ऐसा लगता है कि चुनाव के बाद इन पब्लिश जॉब्स को भी ठंडे बस्ते में न डाल दिया जाए। सरकार SSC की जॉब्स अभी तक भरने में नाकामयाब रही है, वहाँ इन्ही जॉब्स पर मिनिस्ट्री में ठेके पर पीछे से भर्ती कर रखी है।
यह बहुत बड़ा सवाल होना चाहिए कि पिछले 5 वर्ष में आपने क्या किया? कितने लोगों को नौकरी दिया? सुप्रीम कोर्ट के 26 अक्टूबर 2016 फैसला समान काम का समान वेतन को लागू क्यों नही किया? आदि-