Minimum Wages in Delhi सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया

आज सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के 50 लाख मजदूरों के न्यूनतम वेतन (Minimum Wages in Delhi) की सुनवाई हुई. जिसमें माननीय कोर्ट ने मजदूरों के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला दिया. इस आर्डर का इन्तजार हम सभी को पिछले 2 वर्ष से था. आखिर अंत में हमारी जीत हुई. जिसके अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार द्वारा प्रस्तावित न्यूनतम वेतन का नोटिफिकेशन जारी करने का आदेश जारी किया हैं. आज हम इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं.

Minimum Wages in Delhi क्या हैं मामला

दिल्ली सरकार ने मार्च 2017 में दिल्ली के न्यूनतम वेतन में 37 फीसदी की बढ़ोतरी का नोटिफिकेशन जारी किया था. जिसको कुछ मालिक संगठन के द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई और सुनवाई के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने उस नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया. जिसके बाद एक बारे फिर से दिल्ली के मजदूरों का 37 फीसदी बढ़ा वेतन घटा दिया गया.
एक बारे फिर से मजदूरों के तरफ से दवाब बनता हैं और जिसके बाद Delhi Govt. हाई कोर्ट के Order को चुनौती देने Supreme Court का दरवाजा खटखटाती हैं.
दिल्ली न्यूनतम वेतन के मैटर की सुनवाई करते हुए पहली ही सुनवाई में ऐतिहासिक फैसला देती हैं. जिसके बाद माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिल्ली सरकार  द्वारा जारी 37 फीसदी वृद्धि वाला नोटिफिकेशन लागु करने के आदेश के साथ ही तीन महीने के अंदर दुबारा से न्यूनतम वेतन re-fixed  कर कोर्ट में लेन को कहा जाता हैं.

अब कितना होगा न्यूनतम वेतन

जिसके बाद दिल्ली सरकार ने न्यूनतम वेतन सलाहकार समिति के सिफारिश के अनुसार अलग-अलग कैटेगरी का निम्न प्रकार से न्यूनतम वेतन तय किया.
• अकुशल श्रेणी के लिए 14842 रुपए प्रतिमाह,
• अर्ध कुशल श्रेणी के लिए 16341रुपए प्रतिमाह
• कुशल श्रेणी के लिए 17991 रुपए प्रतिमाह
• उच्च कुशल या स्नातक या उससे अधिक के लिए 19572 रुपए प्रतिमाह
जिसके बाद काफी मस्कत के बाद इस प्रस्ताव की रिपोर्ट दिल्ली सरकार के द्वारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखी गई.
ऐसे तो लेबर विभाग द्वारा गठित न्यूनतम वेतन सलाहकार समिति ने 15 फरवरी 2019 को दिल्ली के मजदूरों का नया न्यूनतम वेतन भी तय कर लिया. मगर इसके पश्चात, लेबर विभाग को माननीय सुप्रीम कोर्ट में जमा करने के वजाय उदासीनता दिखाते हुए, तीन महीने तक उक्त फाइल को रोक कर रखा. जिसके बाद सुरजीत श्यामल के आरटीआई के तहत ध्याकर्षण के बाद विभाग ने 26 जुलाई 2019 को दिल्ली के नया न्यूनतम वेतन की फाइल सुप्रीम कोर्ट में अंतत (RTI Reply) जमा करवाई गई.

Minimum Wages in Delhi सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया

 

इस दौरान लेबर विभाग ने 01 अप्रैल 2019 का मंहगाई भत्ते का नोटिफिकेशन नहीं जारी किया और उक्त आरटीआई के जवाब में सुप्रीम कोर्ट में केस पेंडिंग का हवाला दिया. जो कि बिलकुल निराधार ही नहीं बल्कि मजदुर विरोधी था.
इसके साथ ही भले ही आरटीआई के दवाब में लेबर विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में फाइल जमा करवा दिया, मगर केस की सुनवाई में कुछ खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहे, जिसके वजह से पिछले 6-8 महीने से केवल डेट पर डेट मिल रहा था.
जिसके बाद पिछले सप्ताह WorkerVoice.in ने आपलोगों के सुझाव व् सहयोग से एक E- पेटिशन के माध्यम से जागरूकता अभियान की शुरुआत की. जिसमें देखते ही देखते हजारों लोगों ने हस्ताक्षर किए और हजारों लोगों ने शेयर किए. जिससे दिनों दिन हस्ताक्षर की संख्या बढ़ने लगी और एक तरह से शोशल मिडिया के अन्य माध्यम से हमने यह बात सरकार तक पहुंचने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

आपलोगों के सहयोग, समर्थन और दुआ से आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और मालिक पक्ष के लाख विरोध के बाद माननीय कोर्ट ने दिल्ली सरकार द्वारा प्रस्तावित न्यूनतम वेतन का नोटिफिकेशन जारी करने के आदेश जारी किया. यह एक तरह से देखें तो हम 50 लाख मजदूरों की जीत हैं. जैसे ही इसका आर्डर का कॉपी आयेगा, वैसे ही इसके बारे में डिटेल में जानकारी दी जाएगी.

यह भी पढ़ें-

Share this

3 thoughts on “Minimum Wages in Delhi सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया”

  1. It's going to be finish of mine day, except before ending I am reading this wonderful post to increase
    my experience.

    Reply
  2. Компания МТС — является одной их
    первых компаний на территории
    России и стран СНГ предоставляющих услуги сотовой связи, а
    в последствии интернета и ТВ.
    Все эти товары, включая оформление сим-карты и переключение тарифного плана, можно
    оформить в режиме онлайн по приемлемым
    ценам, а использование промокодов только увеличит объем сэкономленных
    средств и добавит различные бонусы к покупке.
    Получите промокод мтс.

    Reply

Leave a Comment