SBI Minimum Balance के नाम पर लूट और पेंशन पाने वाली बुजुर्ग महिला

आजकल कुछ न कुछ सोशल मिडिया में वायरल होता ही रहता है. हम मानते हैं कि ज्यादातर बातें झूठ है मगर कुछ ऐसी बातें भी हैं जो कि बहुत जरुरी है और दिल को छू जाती है. ऐसे ही सोशल मिडिया के माध्यम से 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला का फोटो मिला. उनके साथ ही एक मैसेज (SBI Minimum Balance) भी था. इसके बारे में जानकारी शेयर कर रहा हूं.

SBI Minimum Balance के नाम पर लूट

इसी सन्दर्भ में आज ही मेरे पास PNB  मेटलाइफ के तरफ से फ़ोन आया कि हमारी सर्विस ले लो. हमें पूछा कि अरे भाई पहले तो ये बताओ की नीरव मोदी या माल्या जो हमारा पैसा लेकर भाग गया. उसका क्या हुआ? उनका पैसा किसके पैसे से भरोगे? अरे भाई यह पूछना हमारा आपका अधिकार है, पैसा हमारा बैंक तुम्हारा कैसे हो सकता है?

अभी तक तो हमें यही पता था कि हम जनता के द्वारा जमा सेविंग और एफडी के पैसे से ही बैंक लोन देकर इनकम करता है. मगर अभी हाल ही के दिनों में माल्या के भागने के बाद हम पर ही उलूल-जुलूल चार्ज लगा कर उलटे हमारे ही पैसे ही काटे जा रहे हैं. जैसे की माल्या या नीरव मोदी नहीं बल्कि हम ने ही कर्ज नहीं चुकाया हो.

 1200 पेंशन पाने वाली बुजुर्ग महिला का दर्द

अब देखिये न भारतीय स्टेट बैंक ने 1200 पेंशन पाने वाली एक 70 साल की बुजुर्ग महिला के खाते से 88 रुपये और दूसरे महीने 29 रुपये इसलिए काट लिया कि उसने 2000 रुपये Minimum Balance नही बचाया था. जब वो किसी तरह ये 2000 रुपये पुरे करने जाती है तो पता चलता है कि अब फॉर्म से पैसे नही जमा होंगे. उससे बैंक कर्मचारी ने कहा कि उसे अब पैसे जमा करने के लिए ग्रीन कार्ड या फिर ATM कार्ड बनवाना होगा.

अब मुझे देख कर हंसी आती है कि जिसे पढ़ना लिखना नही आता और जिसे हाथ भी ठीक से नही थामते उससे ये कह रहे है? दूसरा सवाल यह भी है कि एक गरीब बुजुर्ग को 1200 रूपये में क्या खायेगा और क्या बचायेगा? बिहार के SBI पाटलिपुत्र ब्रांच के एक ग्राहक ने बताया कि ग्रीन कार्ड के नाम पर 20 रुपया भी अलग से देने होते हैं.

अब हज़ारो करोड़ रुपये पूंजीपतियो के द्वारा गबन कर लिए जाते है और इसका बोझ भी हम पर आप पर ही है. ये बैंक उनसे नही वसूल पा रहे है और गरीब जरुरतमंद लोगों के खाते से गलत तरीके से वसूली हो रही है. वाहः क्या तरीका निकाला है सरकार ने, अच्छे दिन ही चल रहे है. इससे अच्छे दिन क्या हो सकते है कि लोग अपने पैसा भी ठीक से उपयोग नही कर सकते.

अब तो ATM धारको का ये हाल है कि उन्हें अगर 2 हज़ार रूपये की भी जरुरत होती है तो वो भी सीधे 10000 निकाल रहे है. अगर वो 4 बार से ज्यादा निकालने पर निकलने पर 20 रुपया ज्यादा देने पड़ेंगे.

बढ़ती हुई मंहगाई और बेरोजगारी आपको प्रभावित नहीं कर रही?

अब हमारे हर चीज़ पर धीरे-धीरे सरकार का नियंत्रण होता जा रहा है. आज भले ही कुछ लोगों को यह लग रहा कि हमें इससे क्या, हमें तो कोई प्रॉब्लम नहीं है. उनको शायद पता नहीं की गबन और घोटाला से कोई भी आदमी प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता है. यह बढ़ती हुई मंहगाई और बेरोजगारी क्या आपको प्रभावित नहीं कर रही? आज अगर एक चपराशी की नौकरी भी निकल जाए तो एक ग्रेडुएट और एमबीए को तो छोड़िये एमएलए साहब भी अपने बेटे को रखवाने में पीछे नहीं रहते.

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