Banking Ombudsman Complaint Online | बैंकिंग ओम्बड्समैन कम्प्लेन?

Banking Ombudsman Complaint Online: आरबीआई की बैंकिंग लोकपाल सेवा के द्वारा आरबीआई के पास आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। ऑनलाइन शिकायत फॉर्म के द्वारा आप अपनी शिकायत का विवरण, आरबीआई बैंक को जमा करा सकते हैं। यदि आपको किसी बैंक से शिकायत है, तो आप ऑनलाइन शिकायत फार्म को शिकायत विवरण के साथ, तथा जिस बैंक के खिलाफ आपको शिकायत करनी है, उस बैंक का नाम, अपना फोन नंबर अपने बैंक अकाउंट की डिटेल भरकर अप्लाई कर सकते हैं। आइये इसको विस्तार से जानते हैं?

Banking Ombudsman Complaint Online

भारत में लोकपाल बैंकिंग शिकायत योजना, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के माध्यम से की गई थी, ताकि बैंकिंग रेगुलेटर व्यवस्था को दुरुस्त रखा जाए। आरबीआई ने लोकपाल बैंकिंग सुविधा रिजर्व बैंक इंटीग्रेटेड ओंबड्समैन स्कीम 2021 के तहत लांच किया था। इसे 12 नवंबर 2021 से लागू किया गया है।

लोकपाल योजना का जरूरत क्यों है?

भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा एकीकृत लोकपाल योजना का शुभारंभ, इसलिए किया गया ताकि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों से जुड़ी विनिमय संस्थाओं की, उपभोक्ताओं की शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत किया जा सके। पहले तारा कि लोकपाल योजनाएं चलाई जाती थी, और यह तीनों योजनाएं, योजनाएं अलग-अलग थी। लेकिन अब तीनो लोकपाल परियोजनाओं को एकीकृत कर दिया गया है।

उपभोक्ताओं की सभी तरह की शिकायतों को शामिल करने की, प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए और शिकायतों की प्राप्ति और प्रारंभिक प्रसंस्करण को केंद्रितकृत करने के लिए, बैंकिंग लोकपाल योजना शुरू की गई है। इसे एक राष्ट्र एक लोकपाल की अवधारणा के तहत, प्रत्येक राज्य में लोकपाल के कार्यालय के अनन्य अधिकार क्षेत्र को भी समाप्त करने के लिए शुरू किया गया है।

 लोकपाल बैंकिंग नियम।

लोकपाल बैंकिंग योजना के तहत लोगों की बैंक संबंधित, परेशानियों की समाधान के लिए लोकपाल बैंकिंग ऑनलाइन सेवा मददगार है। बैंकिंग विनियम अधिनियम के तहत रिजर्व बैंक की धारा 45 और 35a के तहत, भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा विनियमित संस्थाओं द्वारा दी गई सेवाओं के संबंध में ग्राहकों की शिकायतों को एक प्रभावी तरीके से हल करने की योजना है। बैंक ऑफ इंडिया अधिनियम 1934 की भुगतान और निपटान प्रणाली, और अधिनियम 2007 की धारा 18 के तहत बैंकिंग लोकपाल योजना का लाभ आम जनता के लिए उपलब्ध है।

कवर की जाने वाली संस्थाएं।

भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग लोकपाल योजना के तहत निम्नलिखित वेयर निमित्त संस्थाओं को शामिल किया है-

  • वे सभी वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, अनुसूचित प्राथमिक शहरी सहकारी बैंक और गैर अनुसूचित प्राथमिक शहरी सहकारी बैंक, जिनकी जमा राशि पिछले वित्तीय वर्ष के लेखा परीक्षक तुलन पत्र की तारीख को ₹50 करोड़ है।
  • वे सभी बैंक जो जमा स्वीकार करने के लिए प्राधिकृत है।
  • पिछले वित्तीय वर्ष की लेखा परीक्षक तुलन पत्र की जमा राशि,और जिन बैंकों के पास 100 करोड़ रुपए और उससे अधिक की संपत्ति है, तथा इनके पास ग्राहकों का 100 करोड़ से अधिक का इंटरफेस है।
  • लोकपाल बैंकिंग योजना के तहत परिभाषित, सभी बैंकिंग सिस्टम प्रणाली इसमें प्रतिभागी है।

बैंकिंग लोकपाल की शिकायतों का आधार।

बैंकिंग लोकपाल बैंकिंग सेवाओं, जिनमें इंटरनेट बैंकिंग सेवा सहित, और ग्रामीण बैंकों से संबंधित किसी भी शिकायत को कवर करता है। आरबीआई के द्वारा इन सभी शिकायतों पर विचार किया जा सकता है। लोकपाल की शिकायतों का आधार निम्नलिखित है।

  • बैंक के द्वारा ग्राहकों को समय से भुगतान ना करना, चेक ड्राफ्ट बिल आदि के भुगतान या संग्रह में देरी करना।
  • किसी भी उद्देश्य के लिए, छोटे मूल्य वर्ग के नोटों को पर्याप्त कारण के बिना, अस्वीकार कर देना या स्वीकार करने के बदले में कमीशन वसूल करना।
  • बैंक के द्वारा ड्राफ्ट भुगतान आदेश या बैंक के चेक को जारी करने में देरी करना।
  • निर्धारित समय में बैंकिंग कार्य को सुचारू रूप से ना चलाना।
  • बैंक या बैंक के डायरेक्ट सेलिंग एजेंटों के द्वारा लिखित में किए गए वादों को, बैंकिंग सुविधा जैसे लोन या अग्रिम प्रदान करने में देरी करना या फिर मना कर देना।
  • बिना किसी वैध कारण जमा खाता खोलने से मना करना।
  • उचित सूचना के बिना यह पर्याप्त कारण के बिना जमा खातों को जबरदस्ती बंद कर देना।
  • ग्राहक को बिना किसी पर्याप्त पूर्व सूचना के किसी भी प्रकार का शुल्क लगाना।
  • भारत में खाता रखने वाले किसी भी अनिवासी भारतीयों को विदेश से जमा राशि प्रेषण और बैंक से जुड़े मामलों के संबंध में शिकायतों की देखभाल करना।
  • किसी पार्टी के खातों में आए का जमाना होना जमा का भुगतान ना करना या आरबीआई के निर्देशों का पालन ना करना। इन सभी शिकायतों को बैंकिंग लोकपाल के भीतर देखा जाता है।
  • थर्ड पार्टियों के किसी भी बचत चालू या अन्य खातों में जमा राशि पर ब्याज दर लागू ना करना।
  • समय से पेंशन का वितरण ना करना ।
  • रिजर्व बैंक द्वारा अपेक्षित करो के भुगतान के लिए भुगतान स्वीकार करने में देरी करना या फिर भुगतान को अस्वीकार कर देना।
  • आरबीआई के द्वारा दिशानिर्देशों को बैंक के द्वारा संहिता का पालन ना करना, या बैंकिंग कोर्ट और मानव बोर्ड ऑफ इंडिया द्वारा जारी की गई और बैंक के द्वारा अपनाई गई ग्राहकों के प्रति बैंक प्रतिबद्धता संहिता के नियमों का पालन ना करना।
  • बैंकों के द्वारा वसूली एजेंटों की नियुक्ति पर रिजर्व बैंक के दिशा निर्देशों का पालन ना करना।
  • ब्याज दरों पर रिजर्व बैंक के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन ना करना।
  • आवेदक को बिना वैध कारण बताएं ऋण के लिए आवेदन की स्वीकृति।
  • बैंकिंग लोकपाल समय-समय पर रिजर्व बैंक द्वारा निर्दिष्ट ऐसे अन्य मामलों को भी निपटा सकता है।

ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने का तरीका।

  • आप बैंकिंग लोकपाल के द्वारा बैंक की शिकायत कर सकते हैं। यदि आपको बैंक की शिकायत बैंक के हेड ऑफिस में किए हुए 1 महीना हो चुका है, और आपको अभी तक बैंक से कोई जवाब नहीं मिला है।
  • बैंक ने आपकी शिकायत को बिना वजह बताएं खारिज कर दिया है।
  • यदि आप बैंक के दिए उत्तरों से संतुष्ट नहीं हैं।

बैंकिंग लोकपाल में ऑनलाइन शिकायत करने का तरीका –

  1. बैंकिंग लोकपाल में ऑनलाइन शिकायत करने के लिए आप RBI के ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं
  2. बैंकिंग लोकपाल का चयन करने के लिए बीईओ कार्यालय की बैंकिंग लोकपाल, पोर्टल पर जाएं और यहां अपने क्षेत्र अधिकार के बारे में और ज्यादा जानकारी हासिल करें।
  3. बैंकिंग लोकपाल का ऑनलाइन फॉर्म, खुलने के बाद इसमें आपको संबंधित बैंक का नाम शाखा का नाम शिकायत का विषय और मोबाइल नंबर भरने के लिए पूछा जाएगा।
  4. सभी आवश्यक जानकारियों के साथ अपना ऑनलाइन फॉर्म भरे और उसे सेव करें।
  5. आवेदन एक बार सफलतापूर्वक जमा करने के बाद आप अपलोड किए गए, जानकारियों को डाउनलोड करके प्रिंट निकाल कर रख सकते हैं।

Banking Ombudsman Complaint Online

सहायक दस्तावेज का मतलब होता है, आपने बैंक में जो शिकायत दर्ज की है उसका प्रमाण।

शिकायत का निपटारा।

बैंकिंग लोकपाल के पोर्टल पर शिकायत करने के बाद लोकपाल आपकी शिकायत की समीक्षा करेगा। इसके बाद आपको शिकायत की पावती मिल जाएगी। आपकी शिकायत करने के 30 दिनों के भीतर लोकपाल आपकी समस्या का समाधान कर देगा। यदि बैंक को आपके शिकायत का किसी तरह का स्पष्टीकरण चाहिए, तो भी आवश्यकता होने पर वह आपसे संपर्क कर सकते हैं।

आरबीआई की शिकायत कहां दर्ज करें?

आरबीआई लोकपाल की शिकायत दर्ज करने के लिए आप उस बैंकिंग के कार्यालय में जा सकते हैं। जिसके अधिकार क्षेत्र में वह शाखा आती है। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड और केंद्रीकृत संचालन वाली अन्य प्रकार की सेवाओं से संबंधित शिकायतों के लिए लोकपाल के समक्ष शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं, जिसका क्षेत्रीय अधिकार ग्राहक के बिलिंग एरिया में आता है।

शिकायत केंद्र से कैसे संपर्क करें।

बैंकिंग लोकपाल शिकायत सेवा के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, पंचकूला, यमुनानगर और अंबाला के क्षेत्रों में संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा लोकपाल की दूरभाष सेवा के फोन नंबर  0172 2721109 और फैक्स नंबर 0172 2721880 पर भी संपर्क करके शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

 निष्कर्ष-

बैंकिंग लोकपाल सेवा आरबीआई के द्वारा बैंक ग्राहकों के शिकायतों को निपटाने के लिए की गई शुरू की गई सेवा है। इस सेवा के अंतर्गत ग्राहकों के द्वारा बैंक की शिकायत किए जाने के 30 दिनों के भीतर कार्रवाई की जाती है। बैंक किसी भी रूप से अपनी मनमानी ना कर पाए, उनके द्वारा ग्राहक के हितों का दोहन ना हो, इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए बैंकिंग लोकपाल सेवा आरबीआई के द्वारा कार्यरत है। हालांकि कभी-कभी आरबीआई के द्वारा भी इस सेवा को नजरअंदाज कर दिया जाता है।

लोकपाल योजना से जुड़े प्रश्न।

Ques. किसी शिकायतकर्ता के विरुद्ध यदि लोकपाल अपील करता है, तो मामला बंद करने का क्या नियम और समय है, और यह अपील कहां दर्ज की जाएगी?
Ans. ऐसे मामलों की अपील सीएमएस पोर्टल पर की जाती है, और ऐसे मामलों को सक्षम प्राधिकारी के द्वारा निपटाया जाता है।

Ques.कभी-कभी एक जैसे मामलों में अलग-अलग फैसले होते हैं, क्या इस नई योजना से इस विसंगति को दूर किया जा सकता है?
Ans. सीएमएस डेटाबेस का इस्तेमाल करके पिछले निर्णय का विश्लेषण करके, निर्णय लेने में एकरूपता और निरंतरता लाने के लिए बैंक कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है।

Ques. क्या कोई लोकपाल के कार्यालय में होने वाली शिकायत निस्तारण बैठक में भाग ले सकता है?
Ans. जी हां शिकायत निस्तांतरण बैठक में कोई भी व्यक्ति भाग ले सकता है। इस बैठक में आरबीआई की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा के माध्यम से बैठक आयोजित की जा सकती है। अगर किसी व्यक्ति को अपने निकटतम आरबीआई कार्यालय, यह संबंधित बैंक की किसी निजी शाखा से लोकपाल के कार्यालय के लिए सलाह लेनी हो तो वह webex, google meet, आदि की सुविधा से ऑडियो कॉन्फ्रेंस कॉल भी उपलब्ध है।

Ques. आरबीआई आईओएस के तहत शिकायत कैसे दर्ज की जा सकती है?
Ans. बैंकिंग सेवा में कमी से जुड़े किसी भी विनियम इकाई के खिलाफ निम्नलिखित तरीकों से शिकायत दर्ज की जा सकती है।आरबीआई के सीएमएस पोर्टल के माध्यम से, या फिर भारतीय रिजर्व बैंक सेक्टर 17 सेंट्रल विस्टा की ईमेल पर भी शिकायत पत्र या पोस्ट के माध्यम से की जा सकती है।

Ques. क्या शिकायतों को किसी भी भाषा में दर्ज कराया जा सकता है?
Ans. जी हां लोकपाल के पास भौतिक और ईमेल के माध्यम से किसी भी भाषा में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। लेकिन सीएमएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने के लिए केवल हिंदी और अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा शिकायत के तथ्य है, या विवरण किसी भी भाषा में सीएमएस पोर्टल पर विवरण बॉक्स में टाइप या कॉपी पेस्ट करके भी की जा सकती है।

Ques. ऐसी कौन सी संस्थाएं हैं जो आरबीआई आई ओ एस के अंतर्गत नहीं आती हैं?
Ans. आर बी आई ओ एस 50 करोड से कम की जमा राशि वाले यूसीबी 100 करोड़ रुपए से कम, संपत्ति वाले एनबीएफसी  कंपनियां सीआईसी के तहत अभी तक शामिल नहीं की गई है। आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय के पास शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया आर बी आई ओ एस की समान नहीं है।

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