CTC- कॉस्ट टू कंपनी क्या है?
हर साल लाखों युवा Job पाते हैं. वो विभिन्न क्षेत्रों में जुड़ने के बाद कर्मचारी बन जाते हैं. कम्पनी में काम करने के बदले हर महीने मेहनताना के तौर पर Salary यानी वेतन मिलता है. उनको अपनी नौकरी प्रोफ़ाइल और कौशल स्तरों के आधार पर अलग-अलग वेतन मिलता है. मगर हर किसी के लिए सैलरी के Basic Term को समझना बहुत ही कठिन होता है.
उसका सबसे बड़ा कारण यह है कि आपका एम्प्लॉयर/कम्पनी या सीधे तौर पर मालिक कह लीजिये वह आपको इसकी सही जानकारी नहीं होने देना चाहता है. मान लीजिये कि अगर आपने अपने Salary Stracture की जानकारी अगर कहीं से कर भी ली. इसके बाद उसमे अगर गड़बड़ी या अनियमितता की जानकारी भी मिल गई. तो इसके बाद आपका सबसे पहला स्टेप होगा कि आप अपने एम्प्लॉयर से इसके बारे में बात करेंगे.
अब इसके बाद हमें नहीं लगता कि आपका एम्प्लॉयर आपकी बात से आसानी से सहमत हो जायेगा. वह आपको कन्फूज़ करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा. इसके बाद हम वहां काम करने वाले सहकर्मी से भी चर्चा करते हैं. जो भी आपके ऊपर अपना आधा अधूरा ज्ञान थोपेंगे और फिर समझायेंगे कि ज्यादा बोलोगे तो कम्पनी वाले नौकरी से निकाल देंगे. जिसके कारण ज्यादातर वर्कर चुप रहना ही बेहतर समझते हैं. मगर फिर भी उनकी जिज्ञासा बढ़ती जाती है.
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Company का HR विभाग कर्मचारियों के हीत में
नियम के अनुसार कोई भी कम्पनी आवश्यकता अनुसार वर्करों की भर्ती करने, वर्करों से इंडस्ट्रियल सम्बन्ध स्थापित करने और उनको समय पर सैलरी व् अन्य सुविधायें प्रदान करने के लिए एचआर विभाग रखती है. जिनका काम ही कर्मचारियों और कम्पनी प्रबंधन के बीच संवाद कायम करते हुए कर्मचारी हीत की रक्षा करना, उनको उनके हक की सही जानकारी उपलब्ध करना होता है.
मगर हमें नहीं लगता कि कोई भी कम्पनी का एचआर विभाग कर्मचारियों के हीत में काम करता होगा. अगर आपके नजर में कोई ऐसी कम्पनी हो तो कमेंट बॉक्स के लिखकर जरूर बताइयेगा.
CTC full form in salary in hindi – सी.टी.सी का पूरा नाम क्या है?
सी.टी.सी का पूरा नाम “कॉस्ट टू कंपनी” हैं. जिसका मतलब कम्पनी को एक कर्मचारी रखने पर पूरा खर्चा. हमने देखा है कि कंपनियों के एचआर विभाग में ज्यादातर चापलूस किस्म या कंपनी प्रशासन के पिट्ठू अधिकारी रखे जाते हैं. ऐसा वो इसलिए करते हैं ताकि ऐसे लोगों को आगे करके वो वर्करों के ऊपर शोषण कर सकें.
अब ऐसे में हमें नहीं लगता कि वर्कर को पता चल पायेगा कि उनको उनकी योग्यता के हिसाब से सैलरी मिल रही या नहीं. हम अपने आने वाले हर आर्टिकल के माध्यम से आपके पूछे गए सवालों के माध्यम से यथासंभव जानकारी उपलब्ध कराने की कोशिश करेगें. इस पोस्ट में सबसे पहले कॉस्ट टू कंपनी (सीटीसी) के बारे में जान लेते हैं.
What is CTC meaning? – सी.टी.सी क्या है?
अक्सर हमें सुनने या पढ़ने को मिलता है कि फलाना व्यक्ति को फलाना कंपनी ने 4 लाख का पैकेज में नौकरी पर रखा या हम इंटरव्यू देने जाते हैं तो कम्पनी का एचआर का अधिकारी पूछता है कि आपकी एक्सपेक्टेशन क्या है? मतलब कितना सैलरी लेंगे? असल में वो पूछ रहे होते हैं कि आप कितना सैलरी में नौकरी ज्वाइन करेंगे. ऐसे में मान लिया कि हमने कह दिया कि “आपके कम्पनी के स्टैण्डर्ड के हिसाब से”. फिर उन्होंने कहा कि हम 4 लाख सालाना का पैकेज देंगे. हम ख़ुशी-खुश घर आ जाते हैं.
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मगर जब पहले महीने की सैलरी आती है तो हमारे पसीने निकल जाते हैं. मतलब 4 लाख सालाना सोच कर हम अनुमान लगाते है कि शायद महीने का 33 हजार के आस-पास मिलेगा, मगर यह क्या इतना कम क्यों दिया ? फिर हो जाती है भाग दौर शुरू.
सीटीसी – कॉस्ट टू कंपनी (Cost To Company – CTC) क्या है?
अब इसके लिए जान लें कि सीटीसी होता क्या है? किसी कम्पनी को किसी भी कर्मचारी को काम पर रखने में जितना लागत लगता है, उनको कम्पनी का सीटीसी कहते हैं. सीटीसी का फुल फ्रॉम कॉस्ट टू कम्पनी होता है. सीटीसी में कई अन्य तत्व शामिल होते हैं. यह उन अन्य भत्तों के बीच गृह किराया भत्ता (एचआरए), प्रोविडेंट फंड (पीएफ), और मेडिकल इंश्योरेंस का Cumulative है, जिन्हें मूल वेतन में जोड़ा जाता है.
इन भत्ते में अक्सर नि: शुल्क भोजन या भोजन कूपन शामिल हो सकते हैं जैसे सोडेक्सो और जैसे, ऑफिस स्पेस रेंट, कैब सर्विस टू-एंड-फ़ोर ऑफ़िस, और सब्सिडी वाले ऋण आदि. इन सभी तत्वों को एक साथ जोड़ा जाता है.
CTC Example: सीटीसी उदाहरण के साथ (What is CTC in salary with example)
स्पेशल अलाउंस: Rs. 17,874
CTC- कॉस्ट टू कंपनी क्या है? CTC और Salary में अंतर उदाहरण सहित जानें
Components of Cost to Company (CTC): सीटीसी के सभी अवयव
ऊपर के चार्ट में कन्फ्यूज होने की कोई बात नहीं है. इसमें एक कर्मचारी के ऊपर कंपनी का कुल लागत को ब्रेक करके दिखाया गया है. जैसा की हमने ऊपर कॉस्ट टू कंपनी (सीटीसी) के विभिन्न तत्व: का उल्लेख किया है. सीटीसी के लागत में कंपनी के विभिन्न तत्व शामिल होता हैं.
सीटीसी मूल रूप से प्रत्यक्ष लाभों का कुल योग है (वार्षिक आधार पर एक कर्मचारी को भुगतान किया जाता है), अप्रत्यक्ष लाभ (नियोक्ता कर्मचारी की ओर से भुगतान करता है) और योगदान सहेजना (बचत योजनाएं कर्मचारी को हकदार हैं).
CTC = Direct Benefits + Indirect Benefits + Savings Contributions
DIRECT | INDIRECT | SAVINGS |
BENEFITS | BENEFITS | CONTRIBUTION |
Basic | Interest | Superannuation |
Salary | Free Loans | benefits |
Dearness | Food | Employer |
Allowance (DA) | Coupons/Subsidized meals | Provident Fund (EPF) |
Conveyance | Company | Gratuity |
Allowance | Leased Accommodation | |
House | Medical | |
Rent Allowance (HRA) | and Life Insurance premiums paid by employer | |
Medical | Income | |
Allowance | Tax Savings | |
Leave | Office | |
Travel Allowance (LTA) | Space Rent | |
Vehicle | ||
Allowance | ||
Telephone/ | ||
Mobile Phone Allowance | ||
Incentives | ||
or bonuses | ||
Special | ||
Allowance/ City Compensatory allowance, etc. |
Agar ham kisi company me job krte he aur salry 15000ru ctc me he hme Par month 9500ru diya Jata h to hme bad me company Chhodne Par ctc Wala r u. Milega ki nhi
My selery12thugent and warming time 10years
Hmm
Hame jo salary milati hai usame char, ya panch sanday hote hai, to uska paisa cumpny hame nahi deti, wo hamko jitane din kam kiya utana hi salary deti hai,. Kya ye sahi hai???
आपको न्यूनतम वेतन अधिनियम के हिसाब से दिया जा रहा तो 26 दिन का सैलरी का ही प्रावधान है.
to sir isme hame mahine ki chutti milegi .kyonki yahan to agar mahine me ek chutti karte hain to uske bhi paise cut jate hain ..
बिलकुल, देश के हर कर्मचारी के लिए छुट्टी का प्रावधान है
Mujhe job chahiye sir locdwan ke karan berojgar baitha hu ghar par.
आपको दिल्ली सरकार के द्वारा जॉब का वेबसाइट पर जॉब सर्च करना चाहिए.
Jcb India limited, ballabgarh
thank you