PPF Account Kya hota hai, पीपीएफ खाता कैसे और कहां खुलवा सकते है?

अभी हमने आपको पीएफ खाते क्या है के बारे में बताया था। जो कि केवल सरकारी एवं गैर सरकारी विभाग, कम्पनी या फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारी, वर्कर, मजदूर का ही हो सकता है। मगर जो लोग कोई निजी व्यवसाय कर रहे, किसी संगठन में काम कर रहे तो उनको भी भविष्य की चिंता होती है। खास उन्ही लोगों के लिए पीपीएफ की स्कीम PPF Account Kya hota hai है. जो कि पीएफ से बिलकुल ही भिन्न है।

PPF Account Kya hota hai

इस स्कीम में भाग लेने के लिए जरुरी नहीं की आप कहीं नौकरी करें। इस खाते को खुलवाने के लिए आप किसी भी सरकारी बैंक या पोस्ट ऑफिस में जा सकते हैं। जिसके बाद आपके पैसे 15 वर्ष के लिए पैसे फ्रीज हो जाते हैं। खाते की परिपक्वता अवधि 15 साल होती है। जिसे 5 -5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। पीपीएफ खाते पर प्राप्त ब्याज आयकर मुक्त होता है।

PF और  PPF  में क्या अंतर है? इसके क्या-क्या फायदे हैं?

पीएफ का फुल फॉर्म एम्प्लोयी प्रोविडेंट फण्ड होता है. EPF एक तरह का निवेश है। जो किसी सरकारी अथवा गैर सरकारी कंपनी में कार्यरत् कर्मचारी के मासिक निवेश के रूप में जमा किया जाता है। इस स्किम के तहत आपका नियोक्ता आपकी सैलरी ( बेसिक+डीए)से हर महीने कुछ निश्चित अमाउंट काटकर (मौजूदा समय में 12 फीसदी) ठीक उतना ही खुद (यानि 12+12 प्रतिशत) PF ऑफिस में जमा करा देता है।
इसमें आपके निवेश पर चक्रवृधि ब्याज का प्रावधान है। ईपीएफ का पैसा आप अपनी मौजूदा नौकरी छोड़ने के बाद कभी भी निकाल सकते हैं। यह पैसा कर्मचारी के किसी कारणवश मृत्यु हो जाने पर उनके आश्रित को मिल जाता है।
पीपीएफ Public Provident Fund यानि सार्वजनिक भविष्य निधि जो कि राष्ट्रीय बचत संगठन द्वारा सन 1968 में शुरू की गई योजनाओं में से एक है। इस योजना के माध्यम से संगठन का उद्देश्य देश के नागरिकों में बचत की आदत को पैदा करना था। यह स्किम टैक्स-फ्री सेविंग एवेन्यू है। PPF Account में जमा पर ब्याज पर कर नहीं लगता है।
इससे पीपीएफ योजना भारत में सबसे अधिक कर कुशल उपकरणों में से एक है। पीपीएफ में पैसा जमा करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें आप हर महीने या फिर साल में एकबार अपने सुविधा अनुसार पैसा जमा कर सकते है। अगर किसी साल में आपके पास पैसे न भी हों तो कम से कम 500 रुपया जमा कर देने से खाता चालू रहेगा और जिस पर हर साल चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है।
यह ब्याज मार्च के बाद मिलता है। PPF एक विशेष प्रकार का खाता है इसे खुलवाने, राशि जमा करने एवं निकालने के अलग से नियम है। साल में न्यूनतम 500, अधिकतम 1,50,000 जमा कर सकते है और सिर्फ एक बार लिमिटेड राशि निकाल सकते है।
पीपीएफ की राशि पर आयकर कटौती का लाभ मिलता है। साथ ही साथ ऐसे अकाउंट की मैच्योरिटी यानी 15 वर्ष पूरा  होने पर जो राशि प्राप्त होती है वो करमुक्त होती है। ऐसे में लंबी अवधि के निवेशों जैसे कि आपके बच्चे की उच्च शिक्षा, बेटी की शादी का खर्च आदि के लिए बेहतर होता है। अगर आप पीपीएफ का बेहतर फायदा उठाना चाहते हैं तो आपके लिए बेहतर यह होगा कि आप वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही अपना धन जमा करवा दें।

PPF खाता खुलवाने के लिए क्या करना होगा?

अब जान लेते हैं कि अगर हम पीपीएफ का खाता (PPF Account)  खुलवाना चाहें तो इसके लिए क्या करना होगा? इसके लिए अपने अनुभव् के आधार पर बताना चाहूंगा कि अगर संभव हो सके तो एसबीआई में पीपीएफ खाता खुलवायें। अगर आपके घर पास एसबीआई नहीं है तो आप किसी भी सरकारी बैंक या पोस्ट ऑफिस में भी खुलवा सकते हैं। आज हम आपको पीपीएफ खुलवाने की जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं।

इसके लिए सबसे पहले आप नजदीकी बैंक जायें. बैंक के सम्बंधित अधिकारी/कर्मचारी से पीपीएफ का फॉर्म ले लें। अगर उस बैंक के ब्रांच में खाता हैं तब तो उससे लिंक कर खाता खुलवा सकते हैं। अगर नहीं हैं तो आपको आई डी प्रूफ के रूप में पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट व् एड्रेस प्रूफ के रूप में टेलीफ़ोन बिल, राशन कार्ड, बिजली बिल इत्यादि के साथ दो पासपोर्ट साइज फोटो लेकर जाना होगा। कोशिश करें कि खाता खोलते समय फिक्स्ड अमाउंट न सलेक्ट कर वेरिएबल अमाउंट सेलेक्ट करें. मिनिमम राशि 500 रुपया सेलेक्ट करें, जिससे अपने सुविधा के अनुसार पैसे जमा करवा सकें।

पीपीएफ खाता खुलवाते समय ध्यान रखनी वाली बातें

  • आप अपने साथ अपने सभी उपरोक्त आईडी प्रूफ एवं एड्रेस प्रूफ के तुरंत सत्यापन के लिए ओरिजिनल कॉपी साथ लेकर जायें।
  • सभी दस्तावेजों का फोटो कॉपी आवेदक द्वारा स्वयं-प्रमाणित होना चाहिए।
  • एक खाता खोलने के बाद बैंक पासबुक जैसी पीपीएफ खाता पासबुक आवेदक को जारी करता हैं। पीपीएफ खाते में सभी लेनदेन इस पासबुक में प्रिंट किये जाता हैं। आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर कटौती का दावा करने के लिए पासबुक की आवश्यकता है।
  • याद रखने के लिए एक महत्वपूर्ण बात यह है कि भुगतानकर्ता नाम पीपीएफ अकाउंट पासबुक में उल्लेखित किया जाना चाहिए।

अगर PPF में हर वर्ष 6000 रुपया जमा करते तो 15 वर्ष बाद कितना पैसा मिलेगा?

अब यह जान लेते हैं कि यदि हम पीपीएफ खाते में हर वर्ष अगर 6000 रुपया जमा करते हैं तो ठीक 15 वर्ष बाद कितना पैसा मिलेगा। ऐसे तो पीपीएफ का हर साल ब्याज दर बदलता राहत हैं। मगर हम वर्तमान 7.8ब्याज दर के हिसाब से मोटे-तौर पर जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं।
YearOpening BalanceAmount DepositedInterest EarnedClosing BalanceLoan (Max.)Withdrawal (Max.)
1 0 6000 468 6468 0 0
2 6468 6000 973 13441 0 0
3 13441 6000 1516 20957 1617 0
4 20957 6000 2103 29060 3360 0
5 29060 6000 2735 37795 5239 0
6 37795 6000 3416 47211 7265 0
7 47211 6000 4150 57361 0 10478
8 57361 6000 4942 68303 0 14530
9 68303 6000 5796 80099 0 18898
10 80099 6000 6716 92815 0 23606
11 92815 6000 7708 106523 0 28680
12 106523 6000 8777 121300 0 34152
13 121300 6000 9929 137229 0 40050
14 137229 6000 11172 154401 0 46408
15 154401 6000 12511 172912 0 53262
Deposited Amount 90000Earned Interest 82912

इस तरह से हम 15 वर्ष में कुल 90,000/- रुपया जमा करते हैं। जिसका 82912/- रुपया ब्याज मिलता हैं। जिसके बाद हम कुल 1,72,912/- रुपया पा सकते हैं।

साथियों, आज पीपीएफ के बारे में इसलिए जानकारी दे रहा हूं कि आज से दो दिन पहले जब पीएफ के बारे में जानकारी शेयर किया तो कुछ लोगों अपने लिए इस तरह की स्कीम बताने को कहा था जो नौकरी पेशा नहीं हैं। अगर आप नौकरी में हैं और अगर आपका पीएफ खाता हैं तब भी आप पीपीएफ खाता खुलवा सकते हैं।
अपने अपने पत्नी, बच्चे के नाम से भी अलग-अलग कहते खुलवा सकते हैं। अगर कोई बैंक या पोस्ट ऑफिस खाता खोलने से मना करे तो आप सीधे बैंक मैनेजर या पोस्ट मास्टर के पास जाकर कंप्लेंट बुक की मांग करें। ऐसे वो कम्प्लेन बुक देंगे नहीं, मगर आपका काम हो जायेगा। इस से सम्बंधित कोई भी सवाल हो तो जरूर कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं।

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2 thoughts on “PPF Account Kya hota hai, पीपीएफ खाता कैसे और कहां खुलवा सकते है?”

  1. बिल्कुल PPF का एकाउंट खुल सकता है. इसके लिए आप नेशनलाइज बैंक या पोस्ट ऑफिस जाएं और फॉर्म लेकर खाता खुलवा सकते हैं.यह खाता आप अपने परिवार के अन्य सदस्य व नावालिग बच्चों के नाम से भी खुलवा सकते हैं.

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