बिहार नियोजित शिक्षक के समान वेतन के मामले में सरकार को अंतिम मौका?

नई दिल्ली: आज माननीय सुप्रीम कोर्ट में बिहार नियोजित शिक्षक के समान वेतन की सुनवाई हुई. पहले के तरह ही बिहार के विभिन्न जिले के नेतागण सैकड़ों के तादात में कोर्ट परिसर में मौजूद थे. वो लोग बेसब्री से फैसले का इन्तजार कर रहे थे. पिछली सुनवाई के बाद कोर्ट परिसर में अबीर गुलाल करने के कारण और शांति व्यवस्था के मध्यनजर कोर्ट प्रशासन ने पुलिस बल की ड्यूटी लगाई गई थी. आज सभी को पूरा उम्मीद था कि फाइनल फैसला आएगा. इसके लिए लोग अपनी सांसे रोक उस घडी का इंतजार कर रहे थे.

बिहार नियोजित शिक्षक के समान वेतन

माननीय कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के तरफ से अटार्नी जेनरल बेनीगोपाल ने पक्ष रखते हुए कहा कि “हम बिहार नियोजित शिक्षक को समान वेतन देने के पक्ष में हैं मगर माननीय कोर्ट से अनुरोध है कि एक आर्डर के दें कि ताकि इस फैसले का फायदा किसी अन्य राज्य को न मिले. इससे खराब स्थिति उत्पन्न हो सकती है”. इस पर माननीय कोर्ट ने कहा कि हम इस तरह का आर्डर नहीं दे सकते हैं. यह बहस के दौरान ही तय हो पायेगा कि क्या हम ऐसा कोई आर्डर कर सकते हैं कि सिर्फ बिहार पर लागू हो और अन्य पर न हो.

हम समान वेतन किसको दे सकते हैं और किसको नहीं

भारत सरकार के तरफ से कहा गया कि बिहार नियोजित शिक्षक समान वेतन को लागू करने के लिए हमें वक्त चाहिए. इसमें पिछले वेतन यानि एरियर का मुद्दा आता है. तो इसपर कोर्ट ने कहा कि आप अगला वेतन देना शुरू का दीजिये. मगर सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि हमारे पास डाटा है. जिसके आधार पर हम तय करेंगे कि हमे समान वेतन किसको दे सकते हैं और किसको नहीं. इसके लिए हमें चार हफ्ते का वक्त चाहिए. इसके बाद माननीय कोर्ट ने कहा कि क्या आप Sure हैं कि कुछ कर लेंगे? जिसपर सरकार ने हामी भरी. उनको बात मानते हुए कोर्ट ने 4 हप्ते का समय दे दिया मगर अगली सुनवाई के लिए 12 जुलाई का डेट तय किया गया है.

नियोजित शिक्षक का वेतन दोगुना यानी समान हो जायेगा

इस दौरन बिहार सरकार के सीनियर वकील श्री राकेश दुबेदी भी मौजूद थे. इस सुनवाई के दौरान उन्होंने कुछ नई बात कोर्ट के सामने नहीं रखी. उनको पूछते हुए माननीय कोर्ट ने कहा कि अगर आप 20% वेतन वृद्धि पर सहमत हैं तो क्यों न इसको 40% कर दिया जाए. इसपर न उन्होंने हामी भरी न ही शिक्षकों के वकील के तरफ से इसको स्वीकार किया गया. शिक्षकों के अधिक्वक्तों  ने माननीय कोर्ट को 100% डीए देने की बात की. उनका कहना था कि इससे नियोजित शिक्षकों का वेतन दोगुना यानी समान हो जायेगा. इस पर भी सरकार पक्ष तैयार नहीं हुआ.

अंत में माननीय कोर्ट ने कहा कि अगले आर्डर तक कम से कम 5 हजार प्रति व्यक्ति इंक्रीमेंट दे दिया जाए. जिसको शिक्षक पक्षों के अधिवक्ताओं ने नकार दिया. अब अगली सुनवाई 12 जुलाई 2018 को होगी. इस दिन भारत सरकार और बिहार सरकार को पूरी तैयारी के साथ आना है ताकि उस दिन फाइनल बहस हो सके और फिर से सुनवाई कि डेट नहीं मिले. (Note – साथीगण, आज के आर्डर का कॉपी आने दें, उसके बाद उसका पूरा विश्लेषण आपके नेताओं के बयान के साथ Publish किया जायेगा.)

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