Sahara India Ka Paisa Wapasi पटोरी महाधरना में उमड़ा जनसैलाव

Sahara India Ka Paisa Wapasi – सहारा इंडिया का पैसा वापसी की मांग के लिए बिहार राज्य के समस्तीपुर जिला अंतर्गत पटोरी में महाधरना का आयोजन किया गया था। जिसमें पैसा वापसी की मांग के लिए हजारों सहारा जमाकर्ता 19 सितंबर 2025 को सड़क पर उतरें। केंद्र सरकार के रिफंड पोर्टल पर क्लेम करने के बाद भी पैसा नहीं मिला और बिहार सरकार से पैसा वापसी की मांग तेज हुई। आइये जानते हैं कि आखिर बिहार सरकार कैसे पैसा वापस दिला सकती है।

Sahara India Ka Paisa Wapasi पटोरी महाधरना

सहारा इंडिया जमाकर्ता कल्याण मोर्चा के बैनर तले आंदोलन का नेतृत्व करते हुए सुरजीत श्यामल राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि Sahara India की जांच व् जमाकर्ताओं के पैसा वापसी के लिए जनशिकायत/जनांदोलन के माध्यम से शिकायत दिनांक 16.02.2022, 21.02.2022 व 28.06.2022, 24.02.2023, 31.07.2023 को पटोरी प्रशासन से लेकर बिहार सरकार व भारत सरकार के सभी संबंधित पदाधिकारियों को दिया। जिस पर कोई कार्रवाई नही किए जाने पर माननीय पटना हाईकोर्ट में सुरजीत श्यामल बनाम भारत सरकार जनहित याचिका संख्या CWJC& 18511/2022 के माध्यम से अपील किया। जिसके बाद बिहार सरकार, वित् (सांस्थिक वित्त) विभाग, पटना के द्वारा आदेश दिनांक 28.10.2022, 25.09.2024 व अन्य कई आदेश जारी किया गया। जिसके दो वर्ष से ज्यादा बीत जाने के बाद भी अभी तक पटोरी/जिला प्रशासन के द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है।

जिला मजिस्ट्रेट समस्तीपुर जो कि एक सक्षम प्राधिकारी हैं, ने संस्थागत वित्त निदेशालय, वित्त विभाग, भारत सरकार द्वारा दिए गए निर्देश का अनुपालन नहीं कर अवैध तरीके से कार्य किया है। बिहार के बिहार जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण नियम 2002 और 2004 के अधिनियम (इसके बाद बीपीआईडी अधिनियम के रूप में संदर्भित) की धारा-4 में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि यदि सक्षम प्राधिकारी के पास यह विश्वास करने का कारण है कि कोई वित्तीय संगठन हितों के खिलाफ काम कर रहा है। निवेशक, निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए, कंपनी के उन लोगों की संपत्ति कुर्क कर सकते हैं, यदि कंपनी के पास पर्याप्त संपत्ति नहीं है तो उस वित्तीय संस्थान के संस्थापक, निदेशक, भागीदार, प्रबंधक या सदस्यों की संपत्ति कुर्क की जा सकती है।

परिशिष्ट 4 और 5 में निहित निवेशकों द्वारा दायर शिकायत प्राप्त करने के बाद परिस्थितियों में जिला मजिस्ट्रेट/सक्षम प्राधिकारी को निवेशकों की वास्तविकता के बारे में संतुष्ट होना चाहिए था और फिर बीपीआईडी अधिनियम 2002 की धारा 4 के तहत प्रदान की गई कार्रवाई करनी थी। शिकायत को दबाकर बैठे रहने से, जिला मजिस्ट्रेट परोक्ष रूप से पूरे भारत में करोड़ों रुपये के Sahara India घोटाले को बढ़ावा दे रहे हैं, पटोरी केवल एक उदाहरण है और वास्तविक गरीब निवेशकों को उनके वित्तीय हक से वंचित कर रहा है।

यह कि माननीय सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने ललिता कुमार बनाम यूपी सरकार W-P(Cri) No-68 अन्य मामले में 2008 में सूचना के आधार पर एफआईआर का पंजीकरण को अनिवार्य किया था। जिसकी भी पटोरी थाना द्वारा अनदेखी की जा रही है। यही नहीं बल्कि पटोरी अनुमंडल अधिकारी के आदेश पत्रांक 127ध्गो, दिनांक -19 फरवरी 2022 के बाद जांच में घोर लापरवाही ही नही की गई बल्कि मामले की लीपापोती की है। जिसके खिलाफ शिकायत विभाग में लंबित है।

Sahara India Ka Paisa Wapasi पटोरी महाधरना में उमड़ा जनसैलाव

अभी माननीय सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप सोसाईटी के जमाकर्ताओें के लिए 5000 करोड़ देने का आदेश जारी किया है। जिसके बाद अमित शाह, केंद्रीय सहकारी मंत्री जमाकर्ताओं का पैसा वापस करने के लिए सहारा रिफंड पोर्टल का उद्घाटन 18 जुलाई 2023 को किया। मगर उस पोर्टल पर क्लेम करने के बावजूद भी सहारा जमाकर्ताओं को क्लेम मनमाने ढ़ंग से रिजेक्ट कर पैसा वापस नहीं किया जा रहा है। जिसके खिलाफ उक्त पोर्टल में सुधार के लिए 31 जुलाई 2023 को आवेदन दिया गया, मगर अभी तक कोई कार्रवाई नही की गई। जिससे क्षेत्र के सहारा जमाकर्ताओं में काफी रोष है। बिहार सरकार के बीपीआईडी एक्ट के उपरोक्त आदेश के तहत भी जमाकर्ताओं का जनहित में कार्रवाई कर सहारा इंडिया का पैसा वापस कराया जाए।

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