रेलवे भर्ती बोर्ड के ग्रुप डी के एग्जाम से आईटीआई की अनिवार्यता समाप्त करने के लिए जगह-जगह प्रदर्शन होने लगे. फिर रेलमंत्री महोदय ने ग्रुप डी के एग्जाम से आईटीआई की अनिवार्यता करने की घोषणा कर दी. जिसके बाद एक 10वीं पास छात्रों ने चैन की सांस ली. मगर अब बिहार के समस्तीपुर में छात्रों ने रेलवे में ITI को अनिवार्य बनाने की मांग करते हुए रेलमंत्री का पुतला फूंका.
मगर यह क्या अब आईआईटी योग्यताधारी छात्रों ने रेलमंत्री के इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जानकारी के अनुसार बिहार के समस्तीपुर के आईआईटी पास छात्रों ने इसके विरोध में जुलुस निकाला और रेलवे में ITI को अनिवार्य बनाने की मांग की.
हिंदुस्तान के खबर के अनुसार पटेल छात्रों का प्रतिरोध मार्च पटेल मैदान से शुरू हुआ और थानेश्वर मंदिर होते हुए रेल मंडल कार्यालय, समस्तीपुर पंहुचा. जिसके बाद सभा में तब्दील हो गया. सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि काफी मेहनत और पैसा खर्च करके हमलोगों ने तकनिकी डिग्री ली है, मगर इसके बाद भी युवाओं को नौकरी के लिए सड़क पर उतरना पड़ा रहा है.
सभी छात्रों ने एक सवार से दुबारा से आईटीआई को अनिवार्य बनाने की मांग की. सभा के अंत में छात्रों ने रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल और बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी का पुतला फूंका.
अब इसमें हमें यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिर छात्र अपने डिग्री और डिप्लोमा का इस्तेमाल नॉन टेक कैटेगरी के जॉब के लिए क्यों करना चाहते हैं? इसका एक ही जबाब है, जॉब की कमी. आज हर कोई बेरोजगारी से परेशान है. जिसके कारण किसी भी तरह का जॉब के लिए मारा-मारी है. जानकारी के लिए बता दें कि ग्रुप डी में कुलियों, गेटमैन, हेल्पर और लेवल आदि की बहाली होगी. ऐसे में इन सारे कामों में हमें नहीं लगता कि आईटीआई की डिग्री अनिवार्य करनी चाहिए.
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