Sahara India Refund News Today – सहारा इंडिया का पैसा वापसी का इन्तजार कर रहे जमाकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आये हैं। अभी केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने संसद में सहारा इंडिया के पैसा वापसी के बारे में पूछा गया है। जिसके जवाब में उन्होंने क्या कहा, जिससे आप डिसाइड कर पायेंगे कि अभी पोर्टल पर क्लेम करें या नहीं।
Sahara India Refund News Today
श्री चिंतामणि महाराज सांसद बीजेपी ने Sahara India Refund पोर्टल के बारे में संसद में पूछा है. जिसका जवाब केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 2 दिसम्बर 2025 को दिया है।
क्या सहकारिता मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः
क) क्या सरकार ने सहारा समूह के निवेशकों के लिए सहारा रिफंड पोर्टल शुरू किया है;
(ख) यदि हाँ, तो अब तक प्राप्त आवेदनों और स्वीकृत भुगतानों का राज्य-वार ब्यौरा क्या है;
(ग) ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के निवेशकों के लिए रिफंड के लिए आवेदन करने में सुविधा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सहारा रिफंड पोर्टल में आने वाली तकनीकी गड़बड़ियों को दूर करने के लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं; और
(घ) क्या सरकार राज्य स्तर या जिला स्तर पर सहायता केंद्र स्थापित करने का विचार रखती है, यदि हाँ, तो
उसका ब्यौरा क्या है?
जवाब
(क) से (ग): सहकारिता मंत्रालय द्वारा दायर अंतरिम आवेदन में, WP (C) सं.191/2022 (पिनाक पाणि मोहंती बनाम भारत संघ एवं अन्य), माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 29.03.2023 को अन्य बातों के साथ-साथ आदेश दिया कि-
(i) “सहारा-सेबी रिफंड खाते” में पड़ी कुल 24,979.67 करोड़ रुपये की राशि में से, 5000 करोड़ रुपये सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार को हस्तांतरित किए जाएँगे, जो बदले में, सहारा समूह की सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं के वैध बकाया के विरुद्ध इसे वितरित करेंगे। यह राशि वास्तविक जमाकर्ताओं को अत्यंत पारदर्शी तरीके से और उचित पहचान के आधार पर, उनकी जमा राशि और उनके दावों के प्रमाण प्रस्तुत करने पर सीधे उनके संबंधित बैंक खातों में जमा की जाएगी।
(ii) संवितरण की निगरानी और पर्यवेक्षण न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी, इस न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, श्री गौरव अग्रवाल, विद्वान अधिवक्ता, की सक्षम सहायता से करेंगे, जिन्हें न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और केंद्रीय सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को सहारा समूह के वास्तविक जमाकर्ताओं को राशि वितरित करने में सहायता करने के लिए न्यायमित्र नियुक्त किया गया है। भुगतान करने का तरीका और तौर-तरीके केंद्रीय सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार द्वारा न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी, इस न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और श्री गौरव अग्रवाल, विद्वान अधिवक्ता के परामर्श से तय किए जाएँगे।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिनांक 29.03.2023 के आदेश के अनुपालन में, सहारा समूह की चार बहु-राज्यीय सहकारी समितियों, अर्थात् सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, लखनऊ, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, भोपाल, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, कोलकाता और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, हैदराबाद के वास्तविक जमाकर्ताओं द्वारा अपनी वैध जमा राशि की वापसी हेतु दावे प्रस्तुत करने के लिए 18.07.2023 को एक ऑनलाइन पोर्टल “सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल” https://mocrefund.crcs.gov.in शुरू किया गया है। संवितरण की पूरी प्रक्रिया डिजिटल और कागज़ रहित है और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी की देखरेख और निगरानी में श्री गौरव अग्रवाल, एमिकस क्यूरी की सहायता से की जा रही है।
सहारा रिफंड पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों का उचित पहचान और उनकी पहचान व जमा राशि का प्रमाण प्रस्तुत करने पर पारदर्शी तरीके से निपटान किया जाता है। वर्तमान में, सहारा सहकारी समितियों के प्रत्येक वास्तविक जमाकर्ता को आधार से जुड़े बैंक खाते के माध्यम से सत्यापित दावों के आधार पर केवल 50,000/- रुपये तक का भुगतान किया जाता है।
इसके अलावा, पोर्टल पर जमाकर्ता के आवेदन में कोई कमी पाए जाने पर, उन्हें 15.11.2023 को पहले ही लॉन्च किए जा चुके “पुनः-प्रस्तुति पोर्टल” के माध्यम से अपना आवेदन पुनः प्रस्तुत करने के लिए सूचित किया जा रहा है। मंत्रालय सहारा सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं को भुगतान के लिए हर संभव कदम उठा रहा है। 25.11.2025 तक प्राप्त राज्यवार आवेदनों और किए गए भुगतान का विवरण अनुलग्नक में दिया गया है।
सहारा समूह सहकारी समितियों के 1,41,07,105 जमाकर्ताओं में से 35,24,966 जमाकर्ताओं को 6,841.86 करोड़ रुपये की राशि 25.11.2025 तक वितरित की जा चुकी है, जिन्होंने सहारा रिफंड और री-सबमिशन पोर्टल के माध्यम से आवेदन दायर किया है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सहारा समूह सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं को राशि वितरित करने के लिए 31.12.2026 तक का समय बढ़ा दिया है।
Sahara India Refund News Today अमित शाह ने सदन में दिया जवाब
वर्तमान में, “सहारा रिफंड पोर्टल” में कोई तकनीकी गड़बड़ी नहीं है। सहारा रिफंड पोर्टल के कामकाज की नियमित रूप से निगरानी की जा रही है। यदि कोई तकनीकी गड़बड़ी होती है, तो तकनीकी टीम द्वारा उसे तुरंत दूर किया जाता है ताकि ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के निवेशकों को रिफंड के लिए आवेदन करने में सुविधा हो सके।
(घ) जी नहीं, महोदय।
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