New Labour Code 2025 मजदूरों के लिए लागू, किसको मिलेगा फायदा

New Labour Code 2025 – केंद्र सरकार ने लेबर कोड पुरे देश में लागू कर दिया है। जिससे आप सभी कर्मचारियों के सैलरी, काम के घंटे, ग्रेच्युटीआदि का नियम बदल जायेगा। जो कि आने वाले समय में आपके ऊपर काफी प्रभाव डालेगा। आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे कि लेबर कोड से किसको मिलेगा फायदा?

New Labour Code 2025 मजदूरों के लिए लागू

केंद्र सरकार ने New Labour Code 2025 लागु कर 29 कानूनों को अब चार कोड में समाहित कर सरल बनाया है। जिससे उनके अनुसार मजदूरों को सम्मान के साथ सुरक्षा सेहत और सहूलियत मिल सके। जबकि अगर आप लेबर कोड में बारे में जानेंगे तो आपको असली स्थिति कुछ और ही निकलेगा। अगर में अगर देखेंगे तो मजदूरों का बहुत सारा अधिकार छीन सकता है और मालिकों को काफी छूट मिल जाएगी। हम आपके लिए इस पोस्ट में एक एक बिंदु पर चर्चा करेंगे।

न्यूनतम वेतन का अधिकार

केंद्र सरकार एक फ्लोर मिनिमम वेजेज तय करेगी। इसके अलावा, यह विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के लिए अलग-अलग मंजिल मजदूरी निर्धारित कर सकता है। जिसके बाद कोई भी राज्य सरकार केंद्र सरकार के द्वारा तय Minimum Wages वेतन से कम न्यूनतम वेतन निर्धारित नहीं कर सकती है।

सरकार के द्वारा न्यूनतम का निर्धारण क्षेत्र के अनुसार (महानगरीय, गैर-महानगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों) और कर्मचारी की कौशल श्रेणी (अकुशल, अर्ध-कुशल, कुशल और अत्यधिक कुशल कर्मचारियों) किया जायेगा। इसके आलावा वर्ष में 2 बार महंगाई भत्ता 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर से पहले वर्ष में दो बार करने का प्रयास किया जायेगा।

मजदूरों के काम के घंटे

एक सामान्य कार्य दिवस का गठन करने वाले घंटों की संख्या 9 घंटे होगी। किसी कर्मचारी के कार्य दिवस को Rest आदि को सम्मिलित करते हुए, यदि वह किसी भी दिन 12 घंटे से अधिक नहीं हो होगा। जिसके कारण कंपनी/मालिक आपसे एक दिन में 12 घंटे तक काम ले सकेंगे, अगर 4 दिन काम करेंगे तो आपको 3 दिन छुट्टी मिलनी चाहिए।

साप्ताहिक छुट्टी का नियम

किसी भी कर्मचारी को हर सप्ताह एक दिन अवकाश देने का अधिकार होता है। इस अवकाश को सामान्यतः “रेस्ट डे” कहा जाता है। आमतौर पर यह दिन रविवार होता है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है। नियोक्ता अपनी सुविधा और कार्यप्रवाह के अनुसार सप्ताह के किसी भी एक दिन को कर्मचारी के लिए आराम दिवस के रूप में तय कर सकता है। यानी कर्मचारी को सप्ताह में एक तय दिन पर विश्राम ज़रूर मिलेगा, चाहे वह रविवार हो या फिर कोई और दिन।

नाईट शिफ्ट

अगर नियोक्ता को किसी कर्मचारी से नाइट शिफ्ट में काम कराना हो, तो उसको पहले से उसे इसकी सूचना देना आवश्यक है। इसके साथ ही यह भी तय है कि किसी भी दिन कर्मचारी के कार्य के कुल घंटे 16 घंटे से ज़्यादा नहीं होने चाहिए। यानी नाइट शिफ्ट से पहले पूर्व-जानकारी और काम के घंटों की अधिकतम सीमा दोनों का पालन अनिवार्य है।

मजदूरों के कौन से अधिकार छीन गए

पहले जब एक दिन में 8 घंटे और सप्ताह में अधिकतम 8 घंटे तक काम कराने का नियम था, तब भी कंपनी के द्वारा बिना ओवरटाइम के 12 घंटे तक काम लिया जाता है. अब जब सरकार के द्वारा 1 दिन में 12 घंटे का काम करवाने का नियम बना दिया गया है ऐसे में वो खुलेआम 16 से 24 घंटे का काम करवायेंगे। जिस पर पहले की तरह लेबर इंस्पेक्टर कार्रवाई भी नहीं कर पायेगा।

अब लेबर इंस्पेक्टर की पारंपरिक शक्तियाँ अब समाप्त कर दी गई हैं। उनका पदनाम बदलकर “इंस्पेक्टर-कम-फैसिलिटेटर” रखा गया है। नए प्रावधानों के तहत वे पहले की तरह आपकी शिकायत मिलते ही किसी भी कंपनी पर बिना सरकारी अनुमति के छापामारी नहीं मार पाएंगे। यानी अब उनकी भूमिका निगरानी से अधिक मार्गदर्शन और सुविधा प्रदान करने पर केंद्रित हो गई है।

New Labour Code 2025 मजदूरों के लिए लागू, किसको मिलेगा फायदा

अब महिला कर्मचारियों से भी नाईट शिफ्ट में काम करवाया जा सकता है। जबकि पहले रात्रि में 10 बजे से सुबह के 6 बजे तक काम नहीं लिया जा सकता था।

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