दिल्ली सरकार संविदाकर्मियों को खुद नियुक्ति करेगी, प्राइवेट पार्टियों की भूमिका खत्म

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने राज्य के विभिन्न विभागों में आउटसोर्सिंग के जरिये ठेकेदारों के माध्यम से काम कर रहे लोगों के लिए नई घोषणा की है. दिल्ली सरकार संविदाकर्मियों को खुद नियुक्ति करेगी. यह जब तक लागु नहीं किया जाता तब तक इसको घोषणा ही समझा जाए. विभिन्न समाचार के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार केजरीवाल सरकार ने ठेकेदारों के ऊपर गाज गिराने की तैयारी करने जा रही है.

दिल्ली सरकार संविदाकर्मियों को खुद नियुक्ति करेगी

ऐसा कतई नहीं है कि सरकार ठेका प्रथा समाप्त करने जा रही है बल्कि अब विभाग इन्हीं कर्मचारियों को स्वयं संविदा पर रखेगा और नियुक्तियों में प्राइवेट पार्टियों की भूमिका खत्म हो जाएगी. यह निर्णय दिल्ली एडवाइजरी कॉन्ट्रैक्ट लेबर बोर्ड की तरफ से ले लिया गया है. इस प्रस्ताव को अब कैबिनेट में भेजा जाएगा जहां से सहमति मिलने के साथ ही इस प्रक्रिया पर काम शुरू हो जाएगा. जानकारी के अनुसार बोर्ड ने बुधवार को हुई अपनी पांचवीं बैठक में इससे सम्बंधित निर्णय लिया.

 संविदाकर्मियों के शोषण की शिकायतें मिल रही हैं

Delhi Govt के लेबर मिनिस्टर श्री गोपाल राय ने बताया कि संविदा कर्मियों के आर्थिक व मानसिक शोषण की शिकायतें मिल रही हैं. ऐसी शिकायतें भी मिली हैं कि ठेकेदार संविदा कर्मियों के खाते में पूरा वेतन तो जमा करते हैं लेकिन एटीएम खुद रखकर कुछ पैसा उनसे वापस ले लेते हैं. पीएफ का पूरा पैसा भी जमा नहीं किए जाने की शिकायतें मिल रही हैं.
ऐसे में दिल्ली श्रमिक सलाहकार बोर्ड ने आउटसोर्सिंग के जरिये संविदा कर्मियों की भर्ती खत्म करने का निर्णय लिया है. आउटसोर्सिंग के जरिये भर्ती मौजूदा संविदा कर्मी अब सीधे संबंधित विभागों के अंदर आ जाएंगे और विभाग उन्हें सीधे वेतन आदि का भुगतान करेंगे. इस फैसले से ठेकाकर्मियों को पूरा वेतन व पीएफ मिलेगा. सरकार को भी ठेकेदारों को दिए जाने वाले 10 फीसदी कमीशन व उस पर जीएसटी के रूप में खर्च होने वाली राशि की बचत होगी. बोर्ड के इस फैसले को जल्द ही मंत्रिमंंडल में मंजूरी दी जाएगी.
दिल्ली में श्रमिकों के हितों के लिए सरकार ने 2017 में दिल्ली एडवाइज़री कॉन्ट्रैक्ट लेबर बोर्ड का गठन किया था. श्रम मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में इसमें 13 सदस्य हैं. इसमें दो विधायकों के अलावा नियोक्ताओं और मजदूरों के हितों से जुड़े लोग शामिल हैं.

ठेका प्रथा समाप्त करने के शर्त पर सत्ता में आई

आपको शायद याद होगा कि केजरीवाल सरकार ठेका प्रथा समाप्त करने के शर्त पर पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई है. हिंदुस्तान के खबर के अनुसार इसके पहले भी 2014 में दिल्ली सरकार ने 36 हजार ठेकाकर्मियों को नियमित करने की प्रक्रिया से जुड़ी नीति और दिशा-निर्देश कि तैयारी किये थे. खैर, आज 4 साल के बाद यह घोषणा वर्षों से ठेकाकर्मियों के साथ बेईमानी है.
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11 thoughts on “दिल्ली सरकार संविदाकर्मियों को खुद नियुक्ति करेगी, प्राइवेट पार्टियों की भूमिका खत्म”

  1. सरकार के द्वारा यह अभी फैसला लिया गया है और केबिनेट में पास होने के बाद नोटिफिकेशन आते ही यहां उपलब्ध होगा.

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  2. आपकी बात 100 फीसदी सही है, मगर सरकार ऐसा नही करेगी.

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