लेबर कोर्ट कोटा – 43 कर्मियों को मिले मजीठिया वेज बोर्ड
इसके बारे में बताया जा रहा है कि माननीय न्यायालय ने कंपनी द्वारा पेश 20जे को भी स्वीकार नहीं किया और माना कि कर्मचारियों के हस्ताक्षर दबाव में या धोखाधड़ी से लिए गए हैं. इससे पहले महाराष्ट्र में भी डीबी कार्प कंपनी के मराठी अखबार दिव्य मराठी मामले में ग्रुप को एक झटका लग चुका है.
यहां पर सुधीर जगदाले समेत 16 कर्मियों के पक्ष में लेबर कोर्ट ने फैसला सुनाया था. औरंगाबाद लेबरकोर्ट ने वहां पर भी 20जे पर कंपनी की दलील को नहीं मानते हुए कर्मियों के पक्ष में फैसला सुनाया था.
लेबर कोर्ट कोटा ने इनका बकाया 2 महीने के भीतर देने का फैसला दिया है. अगर कम्पनी दो महीने के अंदर ऐसा नहीं करती है तो 9 प्रतिशत की दर से ब्याज देना होगा. इसके अलावा अदालत ने कर्मचारियों को प्रबंधन का हिस्सा बताने के कंपनी के तर्कों को भी खारिज कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट का मजीठिया वेजबोर्ड पर फैसला आने के बाद
इसमें कुल 47 लोगों ने अदालत में मामला दायर किया था. इनमें से चार लोग पीछे हट गए. इनके नाम हैं- अमलेश कुमार गुप्ता, संजय मोदी, देवेंद्र सिंह तंवर और ताराचंद जैन. कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि श्रमिक संजय मोदी और देवेंद्र सिंह तेवर ने स्टेटमेंट आफ क्लेम पेश नहीं किया. इसलिए उनके मामले पर विचार नहीं किया गया और वे किसी प्रकार के लाभ के भागी नहीं होंगे. इसी तरह ताराचंद जैन और अमलेश कुमार गुप्ता ने अपने स्टेटमेंट आफ क्लेम को विथड्रा कर लिया था, इसलिए ये भी कोई लाभ न पा सकेंगे. इनके अलावा बाकी सभी 43 लोगों को मजीठिया वेजबोर्ड के हिसाब से लाखों रुपये की बकाया एरियर मिल जाएगा.
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