EPFO Pensioners को डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने सुविधा दी?

अभी कोरोना महामारी के चुनौतियों को मद्देनजर सरकार EPFO Pensioners को विशेष सुविधा देने जा रही हैं. जिसके तहत वे लोग अपना डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र घर के पास कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से जमा करवा पायेंगे. 3.65 लाख से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटरों के नेटवर्क के माध्यम देश के तकरीवन 65 लाख पेंशनभोगियों को उनके निवास स्थान के करीब डिजिटल जीवन प्रमाण जमा करने की सुविधा प्रदान कर रहा है.

EPFO Pensioners को डिजिटल जीवन प्रमाण 

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत आपको पेंशन मिलती रहे, इसके लिए आपको हर साल अपना लाइफ सर्टिफिकेट या जीवन प्रमाण पत्र ईपीएफओ के पास जमा कराना जरूरी है. इसको जमा कर एक तरह से आप विभाग को अपने जीवित होने का प्रमाण देते हैं.अगर आप किसी कारणवश इस प्रमाण पत्र को तय समय सीमा के अंदर जमा नहीं करते हैं तो आप पेंशन बंद हो सकता हैं. हाँ, अगर आप जब आप जीवन प्रमाण पत्र जमा कर देंगे तो आपको पेंशन मिलना फिर से शुरू हो जाएगी.

ईपीएस पेंशनभोगी, सीएससी केंद्रों के अलावा 135 क्षेत्रीय कार्यालयों, 117 जिला कार्यालयों और पेंशन वितरण बैंकों में भी अपना जीवन प्रमाण जमा कर सकते हैं. ईपीएफओ के द्वारा अंगीकृत किया गया एक मल्टी एजेंसी मॉडल, ईपीएस पेंशनभोगियों को उनकी सुविधा और पसंद के अनुसार सेवा वितरण एजेंसी का चयन करने की स्वायत्ता प्रदान करता है.

ईपीएस पेंशनभोगियों को उनकी सुविधा के अनुसार पूरे वर्ष के दौरान कभी भी डिजिटल जीवन प्रमाण प्रस्तुत करने की अनुमति प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण नीतिगत परिवर्तन किया गया है. जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की तिथि से लेकर एक वर्ष तक यह वैध रहेगा. इससे पहले, पेंशनभोगियों को नवंबर माह में जीवन प्रमाण जमा करना आवश्यक होता था.

परिणामस्वरूप, पेंशनभोगियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था और पेंशन में रुकावट के कारण बड़ी संख्या में शिकायतें आती थीं. इसके अलावा, जीवन प्रमाण पत्र देरी से जमा करने के कारण, यह कुछ महीनों तक के लिए यानि केवल नवंबर तक के लिए वैध रहता था. इस पेंशनभोगी समर्थक कदम को ईपीएस पेंशनभोगियों को परेशानी मुक्त सामाजिक सुरक्षा कवर प्रदान करने के लिए उठाया गया है.

ईपीएफओ समय पर पेंशन वितरण को सुनिश्चित करके अपने 65 लाख ईपीएस पेंशनभोगियों को वित्तीय स्वावलंबन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, विशेष रूप से संकट के दौरान.

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