बिहार नियोजित टीचर सैलरी में 15% की वृद्धि, क्या हमें वास्तविक लाभ मिल पाया?

बिहार नियोजित टीचर सैलरी में 15% की वृद्धि कर दी गई है। जिस खबर को हर न्यूज ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है। विभिन्न न्यूज पोर्टल के अलग-अलग ख़बरों में नियोजित शिक्षकों के इस वेतन वृद्धि को तोफा तक बता दिया गया है। वहीं दूसरी तरह कुछ नियोजित शिक्षक शोसल मिडिया के माध्यम से इस वेतन वृद्धि को छलवा बता रहे। जिससे आम नियोजित शिक्षक शिक्षक मंझधार में फंस गए हैं कि वो तय नहीं कर पा रहे कि इस वेतन वृद्धि का ख़ुशी मनाये कि सरकार के धोखा का विरोध करें। आज हम आपको बहुत ही साधारण तरीके से बिहार नियोजित शिक्षकों के वेतन वृद्धि को समझने की कोशिश करते हैं कि क्या हमें वास्तविक लाभ मिल पाया?

बिहार नियोजित टीचर सैलरी में 15% की वृद्धि?

आपको याद होगा कि जब पिछले वर्ष मार्च – अप्रैल के महीने में कोरोना का प्रथम लहर चरम पर था। उस दौरान लॉकडाउन व मजदूरों का पलायन अखबारों की सुर्खियां बना रही थी। वहीं दूसरी तरफ बिहार में पंचायती राज संस्थाओं के द्वारा नियुक्त 3.70 लाख शिक्षक वेतन वृद्धि एवं कमेटियों के जाल में उलझे पिछले पांच सालों से अटके, अपनी सेवा-शर्त के वाजिब मांग के लिए हड़ताल पर चल रहे थे। उनके हड़ताल पर चले जाने के कारण राज्य सरकार ने कई महीनों तक वेतन भी रोक दिया था। बिहार सरकार के द्वारा वेतन रोक और लॉकडाउन से उत्पन्न आर्थिक तंगी के कारण कई शिक्षकों की जान भी ले रही थी। मगर यह खबर राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियां नहीं बन पा रही थी।

बिहार नियोजित टीचर सैलरी लेटेस्ट न्यूज़ 2021

बिहार के ही एक शिक्षक नेता के अनुसार इस हड़ताल के दौरान करीब 70 से अधिक नियोजित शिक्षकों की आर्थिक तंगी से जान चली गई। अंत में आलम यह हो गया कि शिक्षक स्वंय हड़ताल से वापस आने लगे थे। जिसके बाद परिस्थिति अनुसार कई विधान पार्षद व विधायकों के पहल के बाद 70 दिनों से चल रही हड़ताल 4 मई 2020 को बिना किसी ठोस समझौता के समाप्त करना पड़ गया था।

देश में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर अपने गृहराज्य लौटने लगे थे। बिहार के लोग भी बड़ी संख्या में बिहार लौट रहे थे। उनके कोरोना जांच व 15 दिनों तक अलग-थलग रखने के लिए राज्य के सरकारी विद्यालय को क्वारंटाइन सेंटर बनाया दिया गया। जहां तुरंत ही हड़ताल से वापस आए शिक्षकों को ड्यूटी पर लगा दिया गया। नियोजित शिक्षकों ने गंभीर परिस्थिति में ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। जिसके फलस्वरूप हम सभी के प्रयास से देश सहित बिहार राज्य में भी कोरोना के मामले घटने लगे। जो कि कभी भी बिना नियोजित शिक्षकों के सहयोग के संभव नहीं हो पाता।

बिहार नियोजित शिक्षकों के मूल वेतन में 15 %वृद्धि

इसी वर्ष सितम्बर – अक्टूबर में राज्य के विधानसभा चुनाव भी प्रस्तावित थे। जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने 20 अगस्त 2020 को शिक्षकों के मूल वेतन में 15 %वृद्धि ( जो अप्रैल – 21 से देय होगा) के साथ एक काम चलाऊ सेवा-शर्त का प्रारूप अधिसूचित कर दिया। अधिसूचित सेवा-शर्त नियमावली को मैं काम चलाऊ इसलिए कह रहा हूँ कि इसी नियमावली के माध्यम से इन शिक्षकों को EPF योजना से अच्छादित तो किया गया है, लेकिन ग्रेच्युटी, पेंशन व अन्य आवश्यक सुविधाओं की चर्चा भी करना मुनासिब नहीं समझा गया।

खैर, हम अपने मूल मुद्दे वेतन वृद्धि पर आते हैं। बिहार सरकार के मुखिया माननीय नीतीश कुमार जी ने एक चुनावी सभी में कहा कि – ” हम शिक्षकों के वेतन को अभी से ही बढ़ाना चाहते थे। बिहार में कोरोना से आर्थिक क्षति के वजह से ऐसा संभव नहीं हो पाया। इसलिए हम सभी नियोजित शिक्षकों को 15% वेतन वृद्धि का वास्तविक लाभ अप्रैल 21 से मिलना प्रारंभ हो जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि आप लोग किसी के बहकावे में मत आइए। हमने ही आपके वेतन को 1500 से 30,000 हजार पर पहुंच गया है। आगे भी जो देंगे हम हीं देगें।

बिहार विधान सभा चुनाव के बाद उनकी दोबारा से सरकार बन गई। नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बने एक वर्ष होने जा रहे हैं। उनके चुनावी वादे “अप्रैल 21 से वेतन वृद्धि” को भी सात महीने बीत चुके थे। ऐसे में नीतीश सरकार को नियोजित शिक्षकों के लिए 15 फीसदी की वेतन वृद्धि की याद तारापुर व कुशेश्वरस्थान के उपचुनाव के समय एक जनसभा में आई। उन्होंने मंच से घोषणा किया कि नियोजित शिक्षकों के 15 % वेतन वृद्धि से संबंधित सॉफ्टवेयर तैयार हो गया है। आप लोगों को 15 दिनों में फिक्सेशन का काम करा लिया जायेगा और नये वर्ष का पहला वेतन बढ़ा हुआ मिलेगा।

Bihar niyojit Teacher salary 2021

ऐसा हुआ भी, इस बार अपने मुखिया के कथन को चरितार्थ करने के लिए बिहार के शिक्षा विभाग ने 12 नम्बर 2021 को 15 % वेतन वृद्धि से संबंधित विस्तृत दिशा-निर्देश का आदेश जारी कर दिया है। आदेश जारी होते ही सभी शिक्षक नेता व शिक्षक अपने-अपने वेतन के जोर-घटाव में लग गए। आखिरकार बात वेतन बढ़ोतरी की थी, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या शिक्षकों के वेतन में वाकई 15 %वेतन वृद्धि हुई है या फिर उनके साथ राज्य सरकार के अधिकारियों ने छल किया है? आइए समझने का प्रयास करते हैं-

बिहार नियोजित शिक्षकों के लंबे संघर्ष के बाद 2015 में मूल वेतनमान से कम 5200-20,200 का वेतनमान ग्रेड पे-0 (अप्रशिक्षित शिक्षकों एवं दो वर्ष से कम सेवा वाले प्रशिक्षित शिक्षकों को), 2000 (प्रारंभिक बेसिक प्रशिक्षित शिक्षकों), 2400 (स्नातक व माध्यमिक प्रशिक्षित शिक्षकों) एवं 2800 (उच्च माध्यमिक प्रशिक्षित शिक्षकों) दिया गया था। जबकि यहां भी इंट्री पे में बहुत चालाकी से विभाग ने डंडी मार दिया।
जिस कारण 5200-20,200 के वेतनमान में ही मूल पदों पर कार्यरत राज्य सरकार के अन्य कर्मचारियों से इन शिक्षकों का वेतन औसतन 4500 कम निर्धारित हुआ। कालांतर में इसी पे मैट्रिक्स पर सातवें वेतन की अनुशंसा को लागू कर इन शिक्षकों को भी 2017 से वेतन दिया जा रहा है। इसी पे मैट्रिक्स में सुधार करने के उद्देश्य से 15 % वेतन वृद्धि की गई है, लेकिन विभाग ने यहां भी अपने तिकड़मबाजी से सभी शिक्षकों के वेतन को औसतन 1000 रुपये कम पर फिक्स करने का उपाय निकाल ही लिया है।
आपको याद होगा कि जब सातवें वेतनमान की अनुशंसा आई थी। उसमें कमेटी ने वार्षिक वेतन वृद्धि से संबंधित एक सुझाव दिया था। कमेटी का मानना था कि छठे वेतन आयोग में वार्षिक वेतन वृद्धि का जो नियम लागू है। उससे उन कर्मचारियों को अपने पहले वेतन वृद्धि को लेने के लिए 12 से 18 माह तक इंतजार करना होता है। जिनकी नियुक्ति 1 जनवरी से 30 जून के बीच हुई है। जबकि 1 जुलाई से 31 दिसम्बर के बीच नियुक्त होने वाले कर्मचारी अपना पहला वेतन वृद्धि 6 से 12 माह के बीच ही पा लेते हैं।
उक्त कमेटी ने इस समस्या के समाधान के लिए वर्ष में दो बार वार्षिक वेतन वृद्धि का प्रस्ताव दिया – पहला 1 जनवरी व दूसरा 1 जुलाई को। राज्य सरकार ने भी अपने सातवें वेतनमान देने की अधिसूचना में यह स्पष्ट किया है कि जिन कर्मचारियों की नियुक्ति, प्रमोशन, एसीपी व वित्तीय उन्नयन का लाभ नियमानुकूल तरीके से 01.01.2016 के बाद 1 जनवरी से 30 जून के बीच मिला है। उन्हें अगले वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ 1 जनवरी को देय होगा। वहीं जिन कर्मचारियों की नियुक्ति, प्रमोशन, एसीपी व वित्तीय उन्नयन का लाभ 01.01.2016 के बाद 1 जुलाई से 31 दिसम्बर के बीच मिला है। उन्हें अगले वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ 1 जुलाई को देय होगा।

बिहार नियोजित शिक्षक का नया वेतनमान

राज्य सरकार ने इस नियम का प्रयोग करते हुए 1 अप्रैल 2021 की तिथि से हो रहे वेतन निर्धारण को वित्तीय उन्नयन मानते हुए ( यह लाभ 1 जनवरी से 30 जून के बीच मिल रहे हैं) 1 जुलाई को लगने वाले वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगा दिया तथा अगली वेतन वृद्धि की तिथि 01.01.2022 तय कर दी। इसे 15% वृद्धि में पहले नुकसान के तौर पर देखा जा सकता है। वहीं दूसरा नुकसान पे मैट्रिक्स के निर्माण करने में तकनीकी रूप से हेरफेर करने के कारण से हुआ है।
बिहार राज्य सरकार सातवें वेतन वाली पे मैट्रिक्स – 1632 दिनांक – 21.06.2017 को फिटमेंट फैक्टर 1.15 से गुणा करते हुए नये पे मैट्रिक्स – 1816 दिनांक – 12.11.2021 से प्रतिस्थापित कर दिया है, लेकिन पे मैट्रिक्स बनाने के पूर्व के मानक नियमों को ताक पर रख के ताकि प्रत्येक शिक्षकों को औसतन – 1000 कम वेतन मिल सके। पे मैट्रिक्स बनाने का मानक नियम यह है कि आप पहले किसी भी लेवल के पुराने पे मैट्रिक्स के इंट्री पे का चयन कर लिजिए। फिर उसे अपने निर्धारित किए गए फिटमेंट फैक्टर से उसे गुणा कर नजदीकी दहाई या फिर सैकड़ा रुपये में परिवर्तित किजिए।

Bihar Niyojit Teacher Pay Matrix

वही आपके नये पे मैट्रिक्स के उस लेवल का इंट्री पे हो जायेगा। अब उसी एंट्री पे पर 3% वार्षिक वेतन वृद्धि लगाते हुए नजदीकी दहाई या फिर सैकड़ा के रुपये में परिवर्तित कर आगे का इंडेक्स तैयार किया जाता है। आइये हम इसको एक उदाहरण से समझिए। बिहार में कार्यरत  शिक्षकों को अभी मिल रहे वेतन का पे मैट्रिक्स इंडेक्स ये है –
वेतनमान 5200- 20,000
Grade Pay 0 2000 2400 2800
Entry Pay 5200 7200 7600 8000
Level 1 2 3 4
Index 2.57 2.57 2.57 2.57
1 13370 18510 19540 20560
2 13780 19070 20130 21 180
3 14200 19650 20740 21820
4 14630 20240 21370 22480
5 15070 20850 22020 23160
6 15530 21480 22690 23860
7 16000 22130 23380 24580
8 16480   22790 24090 25320
9 16980 23480 24820 26080
10 17490 24190 25570  26870
11 18020 24920 26340 27680
12 18570 25670 27140 28510
13 19130 26450 27960 29370
14 19710 27250 28800 30260
15 20310 28070 29670 31170
16 20920 28920 30570 32110
17 21550 29790 31490 33080
18 22?00 30690 32440 34080

बिहार नियोजित टीचर सैलरी: पे मैट्रिक्स 15% वेतन वृद्धि के बाद

शिक्षा विभाग ने बिहार नियोजित शिक्षकों को 15 % वेतन वृद्धि देने के लिए बाद उपरोक्त पे मैट्रिक्स को नये पे मैट्रिक्स से प्रतिस्थापित किया है। जो कि इस प्रकार से है-

वेतनमान 5200- 20,000
Grade Pay 0 2000 2400 2800
Entry Pay 5200 7200 7600 8000
1 15380 21290 22480 23650
2 15850 21940 23150 24360
3 16330 22600 23860 25100
4 16830 23280 24580 25860
5 17340 23980 25330 26640
6 17860 24710 26100 27440
7 18400 25450 26890 28270
8 18960 26210 27710 29120
9 19530 27010 28550 30000
10 20120 27820 29410 30910
11 20730 28660 30300 31840
12 21360 29530 31220 32790
13 22000 30420 . 32160 33780
14 22670 31340 33120 34800
15 23360 32290 . 34130. 35850
16 24060 33260 35160 36930
17 24790 . 34260 36220 38050
18 25530 35300 37310 39200

जबकि इस पे मैट्रिक्स को बनाने में मानक नियमों को ताक पर रखा गया है। प्रत्येक लेवल में इंट्री पे 3% वार्षिक वेतन वृद्धि के साथ इंडेक्स को आगे नहीं बढ़ा पाता है। विभाग अपने मन से कहीं – कहीं 10-50 रुपये की वृद्धि कर दी है। जिससे किसी शिक्षक का इंडेक्स आगे नहीं बढ़ पाए। यदि पे मैट्रिक्स को उसके पूर्व के तय मानक पर तैयार कर प्रतिस्थापित किया जाता तो बिहार नियोजित शिक्षकों का 15 % वृद्धि वाला सही पे मैट्रिक्स कुछ इस प्रकार से होता-

Actual Pay Matrix for Bihar Niyojit Teacher After 15% increasement .
वेतनमान 5200- 20,000
Grade Pay 0 2000 2400 2800
Entry Pay 5200 7200 7600 8000
Level 1 2 3 4
Index 1.15 1.15 1.15 1.15
1 15380 21290 22480 23650
2 15850 21930 23160 24360
3 16330 22590 23860 25100
4 16820 23270 24580 25860
5 17330 23970 25320 26640
6 17850 24690 26080 27440
7 18390 25440 26870 28270
8 18950 26210 27680 29120
9 19520 27000 28520 30000
10 20110 27810 29380 30900
11 20720 28650 30270 31830
12 21350 29510 31180 32790
13 22000 30400 32120 33780
14 22660 31320 33090 34800
15 23340 32260 34090 35850
16 24050 33230 35120 36930
17 24780 34230 36180 38040
अब उपरोक्त तीनों टेबल को को एक साथ देखते हैं तो आपको कुछ नीचे दिए चार्ट से समझने में आसानी होगी। जिसमें सफ़ेद वाले बॉक्स में जहाँ आपके वेतन वृद्धि से पहले का पे मैट्रिक्स हैं। जिसको बिहार सरकार ने बड़ी चालाकी से पीले वाले बॉक्स में 15% वेतन वृद्धि के बाद का पे मैट्रिक्स में बदल दिया है। जबकि हमारे अनुसार आपके वेतन वृद्धि को तीसरे और हरे रंग के बॉक्स में दिखाया गया है।
bihar niyojit shikashak Pay Matrix
Bihar Niyojit Shikashak Pay Matrix Comparison

आप इसमें गौर करेंगे तो आप पायेंगे कि सरकार द्वारा बनाये पीले बॉक्स वाले पे मैट्रिक्स में कुछ बॉक्स को लाल रंग से मार्क किया गया है। जिसमें सरकार के द्वारा नियम को ताक में रखकर साजिशपूर्ण चाल चल कर बेसिक में 10-100 रुपया बढ़ा दिया गया है। जिससे अभी आपको भले ही यहाँ 10-100 रुपया ज्यादा दिख रहा होगा, मगर इससे आपका औसतन 1000 रुपया मासिक तक नुकसान का झटका दे दिया गया है। अगर यहाँ सरकार द्वारा गलत तरीके से 10-100 रुपया नहीं बढ़ाया जाता तो आपको अगले इंडेक्स के अनुसार लगभग औसतन 1000 रुपया बढ़ कर मिलता।

यह बात आपको याद रखना होगा कि आपके बेसिक पर ही महंगाई भत्ता या अन्य लाभ की गणना होती है। जब बेसिक में ही सेंध लगा दिया गया है। उस हिसाब से बांकी अन्य फैक्टर पर भी काफी प्रभाव पड़ेगा। आज हम सबको सरकार के इस चाल को समझाना होगा। इसके साथ ही अपने सभी साथी को या आप किसी संघ/संगठन से जुड़ें हैं तो उनको भी समझाना होगा। जिससे कि यह शिक्षकों का मुद्दा बन सुधार किया जा सके। अगर आप कमेंट करके बतायेंगे तो हम अपने अगले पोस्ट में किसी नियोजित शिक्षक के सैलरी स्लिप के माध्यम से वेतन वृद्धि को बताने को कोशिश करेंगे।

लेखक – राजेंद्र कुमार धीर
(प्रदेश महासचिव, PSHSTA, बिहार)

Bihar Niyojit Teacher Salary increasement order 2021 Pdf

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6 thoughts on “बिहार नियोजित टीचर सैलरी में 15% की वृद्धि, क्या हमें वास्तविक लाभ मिल पाया?”

    • हम भी कहीं न कहीं दोषी है, क्योंकि हमसे से संघ/संगठन बनता है. हाँ, यह भी बात सही है कि अब संघ/संगठनों का काम/काज में काफी बदलाव आ चुका है. इसके साथ ही संघ/संगठन में सरकार के चाल को समझने और निःस्वार्थ भाव से काम करने वाले एक्सपर्ट साथियों की कमी है.

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  1. संघ कभी कमजोर नहीं होता है बल्कि वो अपना जमीर व हमारा आंदोलन बेच लेता है। शिक्षक भेड़ चाल चलते हैं। अपनी समझ व विवेक का इस्तेमाल भी नहीं करते हैं। यही सबसे बड़ी समस्या है।

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    • इसके लिए कहीं न कहीं हम ही जिम्मेदार हैं. आखिर वोट देकर हमने ही चुना है.

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