पटोरी में किसानों की ट्रैक्टर रैली – संयुक्त किसान मोर्चा ने अनुमंडल कार्यालय को घेरा

बिहार: समस्तीपुर जिले के पटोरी में किसानों की ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया गया।  जिसके तहत अखिल भारतीय किसान मोर्चा के आह्वान किसानों के मांगों के समर्थन में 26 जनवरी 2023 को प्रदर्शन किया गया। आइये जानते हैं कि पूरा मामला क्या है और पटोरी के किसानों की क्या-2 मांगे हैं?

पटोरी में किसानों की ट्रैक्टर रैली, अनुमंडल कार्यालय को घेरा

केंद्र सरकार के किसान विरोधी नीतियों के कारण किसानों ने संयुक्त रूप से दिल्ली में ऐतिहासिक प्रदर्शन किया था। जिसके बाद केंद्र सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा के बीच समझौता हुआ। जबकि किसानों का आरोप है कि समझौता को केंद्र सरकार द्वारा लागु नहीं किया गया। जिसके खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर देशभर में 26 जनवरी को ट्रेक्टर रैली का आह्वान है। जिसके तहत पटोरी में भी किसानों के द्वारा ट्रेक्टर रैली का आयोजन किया गया।

पटोरी अनुमंडल क्षेत्र के किसानों का प्रदर्शन

पटोरी अनुमंडल क्षेत्र के किसानों का जत्था दर्जनों ट्रैक्टर पर धमौन हाईस्कूल के प्रांगण से निकला। उनका काफिला गगनभेदी नारों के साथ पटोरी के हसनपुर सुरत से बाजार होकर भगत सिंह चौक, अनुमंडल कार्यालय पहुंचा। जहां पर उनका रैली सभा के रूप में तब्दील हो गया। किसानों की सभा की अध्यक्षता किसान नेता योगेंद्र प्रसाद राय एवं संचालन मज़दूर नेता रामईश्वर राम के द्वारा किया गया।

किसान नेता दीपक कुमार धीरज ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जबसे देश में मोदी की सरकार बनी है तबसे देश के कोई ऐसा वर्ग नहीं हैं जो खुद को ठगा महसूस न किया हो। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने छात्र, नौजवान, मज़दूर, किसान सभी को छलने का काम किया है।

संयुक्त किसान मोर्चा व्यापक जनआंदोलन की आगाज

किसान नेता महेंद्र राय ने कहा कि डेढ़ साल तक चले किसान आंदोलन के बाद भी सरकार अपने वादा से मुकर गई। जिसके खिलाफ आनेवाले समय में संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा व्यापक जनआंदोलन की आगाज के तहत आज की रैली है।

shahpur patori ka news
पटोरी अनुमंडलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते किसान नेता

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छात्र नेता सुधीर कुमार ने कहा कि किसान जब फसल उगाता है तो उसे उसका मूल्य तय करने का अधिकार नहीं होता है। जिन फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य खुद सरकार तय करती है वह दाम भी किसानों को नहीं मिलता है। इसका बस एक ही समाधान है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी मिले। किसानों के सभा को सीताराम राय, भाविक्षण राय आदि ने भी संबोधित किया।

पटोरी के किसानों की 12 सूत्री मांगे-

  1. स्थानीय किसानों के मुद्दो-फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानूनी दर्जा,
  2. किसानों का सभी तरह के कर्ज माफी,
  3. 2020 के संशोधित बिजली विधेयक वापसी,
  4. किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर हुए मुकदमों की वापसी,
  5. किसानों के हत्यारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्तगी,
  6. ऐतिहासिक किसान आंदोलन में शहीद किसानों के परिजनों की मुआवजा,
  7. 2006 से बंद बाजार समिति की पुनः वापसी,
  8. जल निकासी का स्थाई निदान रासायनिक खाद पर हो रहे कालाबाजारी पर रोक,
  9. पंचायत स्तर पर फसलों को क्रय केंद्र खोलने की गारंटी,
  10. बाढ़ आपदा से हुए फसल नुकसान मोहनपुर,
  11. पटोरी का बकाया मुआवजा समान रूप से पक्षपात रहित भुगतान करने
  12. कृषि भूमि पर फसलो को आवारा पशुओं द्वारा किए जा रहे नुकसान की तुरंत सुरक्षा इंतजाम।

किसानों के 12 सूत्री मांगों प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा

जिसके बाद सभा स्थल पर अनुमंडल पदाधिकारी पहुंचे। जिनको प्रदर्शनकारियों ने किसानों के 12 सूत्री मांगों प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा। मौके पर धर्म राउत, डोमन राय, टिक्कू कुमार, अमित कुमार, उपेंद्र राय, मो असलम, श्रवण कुमार, घुरन राय, लक्ष्मण कुमार सहित सैकड़ों, छात्र, नौजवान, किसान मौजुद रहें।

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