ITC IRCTC Worker 92 कर्मचारियों के गैर कानूनी टर्मिनेशन के खिलाफ धरने पर

भारत सरकार के रेल मंत्रालय के उधम इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेटशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) के ई-टिकटिंग यूनिट आईटी सेंटर हैं. इसके कर्मचारीगण पिछले डेढ़ महीने से मैनेजमेंट के द्वारा ITC IRCTC Worker 92 कर्मचारियों के गैर कानूनी टर्मिनेशन के खिलाफ धरने पर हैं.

आईआरसीटीसी प्रबंधन ने 10 से 12 महिलाओं के बाथरूम पर रोक की शिकायत करने के कारण शिकायत करने वाली व् उनको सपोर्ट करने वाले कर्मचारी साथियों को 1 फ़रवरी 2016 से ऑफिस के अंदर बिना लिखी आदेश के रोक दिया गया है. जबकि ITC IRCTC Worker के परमानेन्सी का केस लेबर कोर्ट में पेंडिंग है.

सोमवार को रेलमंत्री श्री सुरेश प्रभु जी का आगमन आईआरसीटीसी के कॉर्पोरेट ऑफिस में हो रहा हैं. जो कि आई.टी. सेंटर से महज 1 किलोमीटर से भी कम दूरी  स्टेट्समैन हॉउस, बाराखम्बा रोड पर अवस्थित हैं. हमारे साथीगण काफी उत्साहित है कि मंत्री महोदय अपने बहुमूल्य समय से समय निकालकर हमारे धरना स्थल पर जरूर आयेंगे और हमारी समस्याओं को दूर करेंगे.

रेलमंत्री जी के आगमन के कारण आईआरसीटीसी के ऑफिस में साफ-सफाई का कार्यक्रम जोरों पर चल रहा है. सभी ऑफिसरों की छुट्टी रद्द कर दी गई है. मगर बाहर बैठे कर्मचारियों की सुध लेने वाला कोई नही है. आईटी सेंटर के अंदर काम करने वाले कर्मचारीगण भी चाहते हैं कि मंत्री महोदय वहाँ आयें और देखें कि प्रबंधन अपने ही कर्मचारीगण किस तरह से रेलनीर बनाने वाले कम्पनी अपने कर्मचारियों को इस भरी गर्मी में पानी के लिए तरसाती है.

कई महिला  कर्मचारीगणों का कहना है कि हम लगातार ट्विटर पर ट्वीट के द्वारा रेल मंत्री, भारत सरकार से न्याय की गुहार लगा रहैं है, और मंत्री महोदय का आगमन उसी का प्रतिफल है.

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खैर. कल के बाद ही पता चल पायेगा कि मंत्री महोदय का आगमन इस कर्मचारियों के चेहरे पर मुस्कान ला पाता हैं या मुश्किलें. मगर इनका संघर्ष और हिम्मत की चर्चा अब आसपास डीआरएम् ऑफिस से लेकर आईआरसीटीसी के रेगुलर कर्मचारी भी करने लगे हैं. इनके नेता का कहना है कि हम अपनी अंतिम साँस तक इस संघर्ष को जारी रखेंगे. यह केवल लड़ाई केवल हक की लड़ाई नही हैं, बल्कि आने वाले पीढ़ियों के साथ कॉरपोरेट्स के गुलामों जैसा वर्ताव व् शोसन के खिलाफ हैं. हमारे आज का बलिदान आनेवाली पीढ़ी को गुलामी प्रथा के दलदल में जाने से रोकेगा.

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