Minimum Wages (Delhi) Amendment Act 2017 के तहत क्या बदलाव हुए

विगत 23 अप्रैल 2018 को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में Minimum Wages (Delhi) Amendment Act 2017 में बदलाव के लिए माननीय राष्ट्रपति महोदय ने सहमति दे दी है. यह संसोधन Minimum Wages Act 1948 के तहत राजधानी दिल्ली में लागू होगा. आज इसके बारे में जानना जरुरी हो गया है कि इसके तहत आखिर वर्कर/मजदूर को क्या-क्या सुविधा मिलेगा. ऐसा काफी कुछ आपलोगो ने प्रदेश के विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर ली होगी. हमने भी अपने Blog के माध्यम से भी जानकारी प्रदान की थी. इस Act में बदलाव का Gadget Notification प्रकाशित किया जा चूका है. आज हम इसको समझने की कोशिश करतें हैं.

Minimum Wages (Delhi) Amendment Act 2017 के तहत क्या बदलाव हुए?

इस संसोधित कानून को Minimum Wages (Delhi) Amendment Act 2017 नाम से जाना जायेगा. इसके साथ ही यह समूचे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र में 4 मई 2018 से लागू होगा. दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मूल अधिनियम में लागू होने से इसकी धारा 11 में उपधारा (1) में आये शब्द “नगदी में” के स्थान पर शब्द “कर्मचारियों के बैंक खाते में ऐसे Electronically (इलेक्ट्रानिकली) या Account Payee Cheque (अकाउंट पेयी चेक) के द्वारा जमा करना” प्रतिस्थापित माना जायेगा.

इसका मतलब इस अधिनियम में जो संसोधन हुए है उसके अनुसार कम्पनी/संस्थान/फैक्ट्री के द्वारा सभी वर्कर/ मजदूरों के मजदूरी/वेतन का भुगतान Bank Account में Transfer या Cheque के माध्यम से किया जाना चाहिए.

Minimum Wages (Delhi) Amendment Act 2017 me payment kise hoga.

अब आप सोच रहें होंगे कि दिहाड़ी मजदूरों के लिए भी यह नियम लागू होगा. इसका जबाब होगा नहीं. इस कानून के मुताबिक दिहाड़ी मजदूरों के मामले में उनको दिल्ली राजधानी क्षेत्र द्वारा समय-समय पर घोषित Minimum Wages के अनुसार Cash Payment (नगदी भुगतान) किया जा सकता है. इसके आलावा विशेष परिस्थिति जैसे संस्थान में आग लगाना, प्राकृतिक आपदाएं, संस्थान के नियोक्ता या निर्देशक की मृत्यु, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार द्वारा यथा निर्धारित कोई अन्य परिस्थितियों में वेतन का भुगतान नगदी रूप में किया जा सकता हैं.
उपरोक्त अधिनियम के धारा 14 के संसोधन के अनुसार नियोक्ता इस अधिनियम के अंतर्गत या उस समय विधमान दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार की किसी अन्य विधि के अंतर्गत निश्चित वेतन की सामान्य दर से, जो दोगुना से कम न हो, जो अधिक हो भुगतान करेगा.
अब वर्कर/मजदूरों के Application में कार्यवाही के दौरान या जांच में देरी के दौरान कामगारों की छटनी, पद्च्युक्त, पद से मुक्त नहीं की जाएगी/ किया जायेगा या जिस पदाधिकारी के समझ आवेदन है उसके बिना पूर्व अनुमोदन के अस्थाई छटनी नहीं की जा सकेगा.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मूल अधिनियम में लागू होने से इसके धारा 22 में शब्द आये के अनुसार, “इसके लिए कारावास का प्रावधान हैं, जो कि अधिकतम 6 मास तक होगा और साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान है. जो कि अधिकतम 500  रुपया या दोनों. जबकि अब इस बदलाव के बाद कारावास की अवधि अधिकतम 3 वर्ष और जुर्माना की राशि 50 हजार रुपया या दोनों का प्रावधान है.

न्यायालय शिकायत की तिथि से तीन माह के अंदर शिकायत का निपटान करेगा

इसके आलावा अधिनियम की धारा 22 के अंतर्गत जिस न्यायालय में अभियोग की शिकायत दर्ज की गई है. वह न्यायालय शिकायत की तिथि से तीन माह के अंदर शिकायत का निपटान करेगा. उपरोक्त सभी मुख्य बाते अभी जो Gadget Notification Published किया गया है, उसके आधार पर है. यहां क्लिक कर आप डाउनलोड कर सकते हैं.

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