Labour ki Salary kitni hoti hai | भारत में मजदूर की सैलरी

भारत में मजदूरों की सैलरी कितनी है? Labour ki Salary कितनी है? लेबर की सैलरी कितनी होती है? आज आपके हमारे इस आर्टिकल में इन्ही सवालों का जवाब मिलेगा। जिससे आपको आपके कंपनी के द्वारा सही सैलरी/मजदूरी दी जा रही है या नहीं इसकी जांच कर पायेंगे। आइये हम इसको स्टेप बाई स्टेप समझते हैं।

Labour ki salary kitni hoti hai

आज बेरोजगारी का यह आलम है कि लोग नौकरी मिलते ही मालिक/कंपनी की हर टर्म कंडीशन आंख मूंद कर मान लेते हैं। हालांकि ऐसा ज्यादातर पढ़े-लिखे लोगों के साथ होता है। जबकि अनपढ़ मजदूर आज भी अपना मेहनताना के लिए मोल भाव करते हैं। अब ऐसे में अनपढ़ से लेकर पढ़े-लिखे लोगों के मन में के सवाल जरूर होता है कि आखिर “लेबर की सैलरी कितनी होती है?” आज हम इसी सवाल का जवाब लेकर आये हैं।

भारत में मजदूर की सैलरी कितनी है?

भारत में मजदूर की सैलरी कितनी है? यह जानने के लिए आपको सबसे पहले यह पता करना होगा कि आप काम किस सरकार के अंडर में कर रहे हैं। देश में दो सरकार एक केंद्र सरकार दूसरा राज्य सरकार के अंतर्गत न्यूनतम मजदूरी (Minimum Wages) तय किया जाता है। जिसके बाद ही आप अपनी मजदूरी का पता कर पायेंगे। अब आपका सवाल होगा कि यह कैसे पता करें?

राज्य सरकार के अंतर्गत मजदूरी?

अगर आप किसी भी राज्य में किसी भी प्राइवेट कंपनी, दुकान, होटल, रेस्टोरेंट, सिनेमा घर या किसी भी वाणिज्यिक संस्थान में काम करते हैं। ऐसे में आप उस राज्य के शॉप एंड इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के अंडर आते हैं। आपके लिए आपकी राज्य सरकार हर पांच साल पर न्यूनतम वेतन निर्धारित करती हैं। जिससे कम आपको आपका नियोक्ता/मालिक/कंपनी नहीं दे सकता है।

यही नहीं बल्कि हर साल दो बार मंहगाई के अनुसार आपके राज्य का लेबर कमिश्नर ऑफिस द्वारा मंहगाई भत्ता का नोटिफिकेशन भी जारी किया जाता है। जिससे आपके वेतन/सैलरी में बढ़ोतरी होती है।

केंद्र सरकार के अंतर्गत मजदूरी?

अगर आप केंद्र सरकार के अधीन किसी मंत्रालय, विभाग, पीएसयू आदि में कॉन्ट्रैक्ट वर्कर, आउटसोर्स वर्कर, डेली वेजर आदि के रूप में काम करते हैं। ऐसे में आपके लिए चीफ लेबर कमिश्नर (सेंट्रल) के द्वारा Central Sphere Minimum Wages का निर्धारण किया जाता है। जिससे कम आपको आपने नियोक्ता भुगतान नहीं कर सकता है।

ऐसे में आप चाहे, रेलवे, एयरपोर्ट, आईआरसीटीसी, पोस्ट ऑफिस, AIIMS आदि में कॉन्ट्रैक्ट वर्कर, आउटसोर्स वर्कर, डेली वेजर में काम करते हैं तो आपको सेन्ट्रल स्फीयर न्यूनतम वेतन का लाभ मिलेगा।

आपके लिए भी चीफ लेबर कमिश्नर (सेंट्रल) के द्वारा साल में दो बार मंहगाई भत्ता का नोटिफिकेशन जारी किया जाता है। जिसकी जानकारी हम अपने इसी ब्लॉग के माद्यम से समय-समय पर देते रहते हैं।

Labour Salary in India | Private Employee Salary | प्राइवेट कर्मचारियों को कितना सैलरी मिलना चाहिए?

प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लिए वेतन नियम

प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लिए वेतन नियम: अगर आप प्राइवेट कर्मचारी या मजदुर हैं तो आप यहां लेबर और कर्मचारी के मजदूरी और सैलरी के बीच कंफ्यूज मत होइएगा। लेबर लॉ व् सरकारी भाषा में इसको न्यूनतम वेतन नाम दिया गया है। जो कि सम्बंधित सरकार के लेबर विभाग के द्वारा जारी नियोजित इकाइयों के ऊपर लागू होता है। अब आप ऐसे में खुद से अपने सैलरी/मजदूरी का आंकलन कर सकते हैं।अगर इसके बाद भी आपने मन में कोई सवाल हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं।

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8 thoughts on “Labour ki Salary kitni hoti hai | भारत में मजदूर की सैलरी”

  1. M.b tube ek dealer hai isne Aaj aur kal sarkari chhutti k din dukan khola inke liye kanun hai ya nahi?

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    • आप हमारे ब्लॉग पर भारत में प्राइवेट कर्मचारी के लिए छुट्टी के नियम पढ़िए

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        • आपने यह नहीं लिखा कि आप क्या और कहां काम करते हैं. आपकी सैलरी अधिकतम अगले महीने 10 तारीख से पहले मिल जानी चाहिए।

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    • आपको लेबर कमिश्नर ऑफिस में शिकायत करना चाहिए और अगर आपके पास ESIC कार्ड है तो वहां सम्पर्क करें

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  2. Notification konse website PE dekha ja saktha hai. Jo sal me do bar mahngayi bhatha miltha hai o notification

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