Bihar Mein Sahara India Ka Paisa Kab Milega, सरकार की लीपापोती?

पुरे देश की तरह बिहार में सहारा इंडिया में लाखों निवेशक सहारा इंडिया के पैसा पाने का इन्तजार कर रहे हैं। हालांकि, बिहार के पटोरी से ही सहारा इंडिया फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया गया है। जिसके उपरांत पुरे देश में सहारा इंडिया के नाम पर पैसा जमा होना बंद हो गया है। बिहार सरकार के वित् विभाग ने अभी हाल ही में सहारा इंडिया फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ करने वाले सुरजीत श्यामल को बुलाया है। आइये जानते हैं कि Bihar Mein Sahara India Ka Paisa Kab Milega, जबकि सरकार लीपापोती में लगी?

Bihar Mein Sahara India Ka Paisa Kab Milega?

आरबीआई के द्वारा सहारा इंडिया के लाइसेंस रद्द करने के बाद भी पुरे देश में सहारा इंडिया के नाम पर पैसा जमा लिया जाता रहा। जिसकी जानकारी हमने पुरे देश को 16 फरवरी 2022 को न केवल दी बल्कि सहारा इंडिया के नाम पर पैसा जमा नहीं करने की अपील की। यही नहीं बल्कि उसी दिन पटोरी थाना में शिकायत के साथ अन्य ऑटोरिटी बिहार व् भारत सरकार को भी दिया।

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जिसके बाद पटोरी थाना द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं करने के खिलाफ लोक शिकायत में मामला दर्ज करवाया गया। जिसको जिला अधिकारी समस्तीपुर ने ख़ारिज कर दिया। जिसके बाद प्रथम अपील के तहत प्रमंडलीय आयुक्त, दरभंगा ने दिनांक 20/10/2023 को निम्न आदेश पारित किया-

सुनवाई के दौरान अपीलार्थी उपस्थित। लोक प्राधिकार उप विकास आयुक्त-सह-सक्षम प्राधिकार (एन.बी.एफ.सी.), समस्तीपुर से प्रतिवेदन प्राप्त। प्रस्तुत अपील वाद जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, समस्तीपुर द्वारा अनन्य संख्या- 9999901230623392846 में दिनांक-19.07.2023 को पारित आदेश के विरूद्ध दायर किया गया है। जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, समस्तीपुर द्वारा पारित आदेश एवं अभिलेख के अवलोकन से स्पष्ट है कि मामला पटोरी अनुमंडल क्षेत्र में गैर-कानूनी तरीके से सहारा इंडिया का शाखा संचालित कर निवेशको से फर्जी तरीके से राशि की उगाही करने से संबंधित है। जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, समस्तीपुर ने आदेश पारित करते हुये बताया है कि मामले की विषय वस्तु बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 की धारा-2(क) में परिभाषित परिवाद की श्रेणी में शामिल नहीं है अथवा प्रस्तुत परिवाद वैसी योजना, कार्यक्रम अथवा सेवा के संबंध में है जिसे सरकार द्वारा परिवाद नहीं दायर की जा सकने वाले सूची में रखा/अधिसूचित किया गया है। यह भी कि इस आवेदन पर कार्रवाई हेतू समुचित फोरम उपलब्ध है। जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, समस्तीपुर ने परिवादी को समुचित प्राधिकार वरीय उप समाहर्त्ता, बैंकिंग, समस्तीपुर के समक्ष अपना पक्ष रखने का सुझाव देते हुये वाद की कार्रवाई को समाप्त किया है। विषयांकित मामले के संदर्भ में लोक प्राधिकार उप विकास आयुक्त-सह-सक्षम प्राधिकार (एन.बी.एफ.सी.), समस्तीपुर एवं वरीय उप समाहर्त्ता, जिला बैंकिंग कोषांग, समस्तीपुर को मामले की स्थलीय जाँच कर संयुक्त जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने हेतु नोटिस निर्गत किया गया। उक्त नोटिस के आलोक में उप विकास आयुक्त-सह-सक्षम प्राधिकार (एन.बी.एफ.सी.), समस्तीपुर एवं वरीय उप समाहर्त्ता, जिला बैंकिंग कोषांग, समस्तीपुर द्वारा उक्त स्थल का संयुक्त जाँच करते हुये प्रतिवेदित किया है कि दिनांक-05.10.2023 को समस्तीपुर जिला के पटोरी अनुमण्डल क्षेत्र में अवस्थित सहारा इंडिया के कार्यालयों का स्थल निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कार्यालय में मौजूद विभिन्न कागजातों एवं फाइलों की जाँच की गई। शाखा प्रबंधक, सहारा इंडिया, पटोरी, समस्तीपुर से उनकी शाखा पर लगाये गये आरोप के संबंध में पृच्छा किया गया एवं पृच्छा के उत्तर में उनके द्वारा बताया गया कि सहारा इंडिया संस्थान द्वारा भारत सरकार एवं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा दिये गए निर्देश की अवहेलना नहीं की गई है। वर्तमान में माह मार्च 2022 में उच्च न्यायालय, नई दिल्ली के वाद संख्या-869/2021 के माध्यम से सोसाईटी के कार्याे पर अस्थायी रोक है, जिसका शतप्रतिशत पालन किया जा रहा है। कोई भी धनराशि सोसाईटी योजना के तहत प्राप्त नही किया जा रहा है। सहारा इंडिया एक पंजीकृत पार्टनरशीप फर्म है और एन.बी.एफ.सी. के किसी व्यवसाय से संबंधित नहीं है। प्रत्येक कार्यालय में पंजीकृत सोसाईटी से संबंधित ग्लोसाईन बोर्ड लगा है, जिसमें बैंक शब्द का उल्लेख नहीं है एवं सहकारी समितियों में धनराशि जमा करने वाले सम्मानित जमाकर्त्ता सहकारी समिति के मेम्बरशीप फार्म दाखिल कर सहकारी समिति के सदस्य बनते हुए अपनी धनराशि सहकारी समिति की योजनाओं में धन निवेश करते हैं। पटोरी में निवेशको के पैसा लौटाने की जगह विभिन्न सहकारी योजनाओं में पैसे को झाँसा देकर कन्वर्ट करने के आरोप के संबंध में बताया गया कि निवेशको के मैच्युरिटी का पुर्ननिवेश निवेशकों की स्वीकृति एवं उनके द्वारा दिये गए सहमति पत्र के आधार पर हीं किसी अन्य योजनाओं में निवेश कराया जाता था। माननीय सर्वाेच्च न्यायालय के आदेश दिनांक-29.03.2023 के आलोक में सम्मानित जमाकर्ताओं के राशि भुगतान हेतु भारत सरकार द्वारा आनलाईन दावा प्रस्तुत करने हेतु रिफंड पोर्टल का शुभारंभ दिनांक-18.072023 को किया गया है। थानाध्यक्ष, पटोरी के द्वारा दिनांक-03.05.2023 को अनुमंडल पदाधिकारी, पटोरी को सहारा इंडिया द्वारा गैर कानूनी तरीके से शाखा संचालित कर निवेशको से फर्जी तरीके से पैसे उगाही करने के संबंध में जाँच प्रतिवेदन समर्पित किया गया, जिसमें किसी भी प्रकार का लेन-देन नहीं करने की बात कही गई है। अतः लोक प्राधिकार उप विकास आयुक्त-सह-सक्षम प्राधिकार (एन॰बी॰एफ॰सी॰), समस्तीपुर एवं वरीय उप समाहर्त्ता, जिला बैंकिंग कोषांग, समस्तीपुर द्वारा समर्पित जाँच प्रतिवेदन के आधार पर वाद की कार्रवाई समाप्त की जाती है। उक्त निर्णय की प्रति जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, समस्तीपुर एवं अपीलार्थी को भेजें।

सहकारी समितियों को गैर-सदस्यों या ग्राहकों से पैसे जमा

जिसके खिलाफ द्वितीय अपील, प्रधान सचिव, वित् विभाग के पास सुनवाई के लिए लिस्ट हुआ है। उक्त आदेश में श्री अखिलेश कुमार सिंह, उप विकास आयुक्त-सह-सक्षम प्राधिकार (एन.बी.एफ.सी.) ने खुद ही फोन पर स्वीकार किया है कि वो जांच स्थल पर गए ही नहीं हैं। साथ ही यह काफी हास्पद है कि पार्टनरशीप फर्म के के द्वारा प्रत्येक कार्यालय में पंजीकृत सोसाईटी का संचालित किया जाता है। यही नहीं बल्कि रिजर्व बैंक ने 22 नवंबर 2021 को चेतावनी जारी कर कहा था कि सहकारी समितियों को गैर-सदस्यों या ग्राहकों से पैसे जमा कराने का भी अधिकार नहीं है और ऐसा करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

यह कि पटोरी थानाध्यक्ष, के द्वारा दिनांक-03.05.2023 को अनुमंडल पदाधिकारी, पटोरी को सहारा इंडिया द्वारा गैर कानूनी तरीके से शाखा संचालित कर निवेशको से फर्जी तरीके से पैसे उगाही करने के संबंध में कोई भी जाँच प्रतिवेदन समर्पित नहीं किया गया। बल्कि मनोज कुमार, एसआई ने अपने पद का दुरूपयोग कर फर्जी जाँच रिपोर्ट पेश किया है। जिसमें उन्होंने किसी प्रकार की लेन-देन से इंकार नहीं किया है, बल्कि उनके लिए उन्होंने वरीय उप समाहर्त्ता, जिला बैंकिंग कोषांग, समस्तीपुर को शिकायत करने की बात की है।

Bihar Mein Sahara India Ka Paisa Kab Milega, सरकार की लीपापोती?

अब ऐसे में जब खुद ही केंद्रीय वित् मंत्री श्री सीतारमण ने भी अपने लोकसभा तारांककत प्रश्न संख्या 268 के जवाब दिनांक- 15.03.2021 में स्वीकारा है कि एसएफसीआओ ने जाँच में पाया है कि सहारा इंडिया के द्वारा लोगों को जबरन/धोखे से पैसा पहले क्यू शॉप और फिर बाद में अलग-अलग सोसाइटी में कन्वर्ट किया गया है। जिसके बाद उनका पैसा वापस नहीं किया जा रहा है। जबकि सक्षम प्राधिकार ने हमारे द्वारा दिए हजारों शिकायतकर्त्ता के ठगी और पैसा गबन की बात को ही बिना किसी आधार पर झूठा साबित कर दिया है। जिससे स्पष्ट है कि सहारा इंडिया घोटाले में पुरे देश की तरह बिहार सरकार + अधिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान है। अब ऐसे में Bihar Mein Sahara India Ka Paisa Kab Milega, यह एक बड़ा सवाल है।

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