बिहार: समस्तीपुर जिले के मोहनपुर प्रखंड कार्यालय पर हजारों की संख्या में स्थानीय लोग महाधरना में शामिल हुए। सभी मोहनपुर प्रखंड कार्यालय शिफ्टिंग के विरोध में सरकार को चेतावनी दिया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हर हाल में प्रखंड कार्यालय को प्रखंड मुख्यालय में ही बनाना चाहिए। आइये जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है?
मोहनपुर प्रखंड कार्यालय शिफ्टिंग के विरोध में महाधरना
बिहार सरकार के गजट नोटिफिकेशन दिनांक- 08 सितम्बर 1994 जारी कर पटोरी प्रखंड एवं मोहिउद्दीन नगर प्रखंड से कुछ पंचायतों को अलग कर मोहनपुर नाम का एक अलग प्रखंड बनाया गया था, साथ ही मोहनपुर प्रखंड का मुख्यालय मोहनपुर पंचायत में ही निर्धारित किया गया था।
अभी मोहनपुर सीओ एवं अनुमंडल पदाधिकारी, पटोरी के द्वारा बिहार सरकार के गजट के परे जाकर मोहनपुर प्रखंड कार्यालय सह आवासीय परिसर का भवन निर्माण मोहनपुर मुख्यालय से अलग पंचायत में बनने का गैरकानूनी आदेश जारी किया है। जिससे क्षेत्र की जनता काफी आहत है।
पटोरी अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश से अनुशंसित भूमि आम-आवाम से काफी दूर बिंदगामा चौर कलकलीया झीन मेें स्थित है और बाढ-़ग्रसित इलाका भी है। जबकि दूसरी तरफ बिहार सरकार के उपरोक्त गजट नोटिफिकेशन के अनुसार प्रखंड कार्यालय मोहनपुर में प्रयाप्त व उपयुक्त सरकारी भूमि उपलब्ध है।
आंदोलनकारी नेताओं ने आरोप लगाया कि मोहनपुर अंचलाधिकारी व पटोरी अनुमंडल पदाधिकारी स्थानीय बीजेपी विधायक श्री राजेश कुमार सिंह के प्रभाव में उनको राजनितिक लाभ प्रदान करने हेतू उक्त गैर कानूनी साजिषपूर्ण कार्रवाई कर उक्त गैर-कानूनी निर्माण कार्य का आनन-फानन में टेंडर भी जारी करवा दिए हैं। जिसके खिलाफ आज आम जनता को हजारों की संख्या में सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होना पड़ा है।
सरकार तक मांग पहुंचाने का आश्वासन
उमेश राय व् कमलकांत राय के नेतृत्व में बिहार सरकार को ज्ञापन देकर मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाकर दोषी पदाधिकारियों पर अविलंब कार्रवाई करते हुए उक्त गैर कानूनी आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर प्रखंड कार्यालय सह आवसीय परिसर को मोहनपुर प्रखंड मुख्यालय में बनाये जाने के दिशा में प्रयास करने का मांग किया है। इस महाधरना में अशोक राय, सुरजीत श्यामल, आलोक राय, सुधीर कुमार, राममोहन राय आदि नेता शामिल हुए।अंत में प्रखंड विकास पदाधिकारी, मोहनपुर मंच पर आकर सरकार तक मांग पहुंचाने का आश्वासन दिया।
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