Bihar Land Survey Good News– बिहार सरकार के द्वारा भूमि सर्वे की शुरुआत की गई है। जिस Land Survey में अनियमितता के खिलाफ नागरिक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आंदोलन शुरू किया गया था। जिसके तहत सरकार को एकदवसीय विरोध प्रदर्शन के माध्यम से मांग सौंपा था। जिसमें आपको बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि सरकार ने हमारी एक और मांग न केवल मांगी बल्कि इसको लागू भी कर दिया है।
Bihar Land Survey Good News सरकार मांग मानी
बिहार सरकार ने Bihar Land Survey के जरिए मालिकों के जमीन का रिकार्ड उपडेट करने की बात की गई है। जिससे आपस में जमीन खरीद-बिक्री में आसानी हो और भूमि विवाद कम हो सके। जबकि सुरजीत श्यामल संयोजक, नागरिक संघर्ष मोर्चा ने आंदोलन के माध्यम से सरकार को सचेत किया कि भूमि सर्वेक्षण में जो अनियमितता बरती जा रही है, जिससे आने वाले समय में आपस में पारिवारिक सामाजिक विवाद व हिंसा काफी बढ़ेगा। जिससे बचने के लिए सरकार को भूमि सर्वे में सुधार की जरूरत है।
नागरिक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले 23 सितंबर 2024 को पटोरी अनुमंडल का घेराव किया गया। जिसमें सुरजीत श्यामल ने बिहार सरकार ने भूमि सर्वे के ऑनलाईन/ऑफलाईन अप्पलाई के लिए केवल आधार का ऑप्शन दिया है, जो कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का अवहेलना हैै। जिसमें सरकारी लाभ के लिए ही आधार कार्ड को जरूरी बताया गया था। यही नहीं बल्कि उक्त आंदोलन के माध्यम से बिहार सरकार से सभी सुधारों के साथ निम्न मांग किया गया है-
- बिहार सरकार पहले तो रैयती जमीन से संबंधित रिकार्ड दुरुस्त करे।
- रैयतों को पुराना खतियान, पुराना से पुराना केवाला और जमाबंदी का नकल उपलब्ध कराना सुनिष्चित करे
- बिहार सरकार खतियान और जमीन का अन्य कागजात कैत्थी, उर्दू, फारसी व अन्य भाषा में है, जिसको पढ़वाने के लिए ट्रांसलेटर की व्यवस्था अंचल स्तर सुनिश्चित करे।
- आम जनता को कागज, सबूत इकट्ठा करने के लिए 2 साल का समय निर्धारित करे।
- भूमिहीन परिवारों के लिए सरकारी भूमि पर बसे आवासीय भूमि को उनका स्वामित्व घोषित करे।
- लगान जमा कराने में अफरातफरी का माहौल को नियंत्रित करे तथा षोषण मुक्त मालगुजारी वसूली की गारंटी सुनिश्चित करे।
आपको बताते हुए काफी ख़ुशी हो रही है कि हमारे आंदोलन के दबाव में खुद बिहार सरकार के मुख्य सचिव को दो दिन बाद ही पटोरी आना पड़ा। जिसके बाद अगर देखें तो आंदोलन के कारण भूमि सर्वे का ऑनलाइन आवेदन अभी भी चल रहा है। जबकि हमने दो साल का समय मांगा था। जिसको आप उपरोक्त मांग में देख सकते हैं। जिसके बाद भूमि सर्वे का सीमा बढ़ाकर 31 दिसंबर 2026 कर दिया है। अब बिहार सरकार के तरफ से हमारे दूसरे मांग संख्या 3 को लागू कर दिया गया है।
जिलावार कैथी लिपि विषेशज्ञों का पैनल
बिहार सरकार का राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अपने ऑफिसियल फेसबुक अकाउंट से खुशखबरी दी है। जिसके तहत बताया है कि जमीन के पुराने कागजातों के कैथी लिपि में रहने से होने वाले दिक्क्तों को दूर करने के लिए जिलावार कैथी लिपि विषेशज्ञों का पैनल बनाने और उनकी सूचि अंचल कार्यालयों में लगाने का निर्देश दिया गया है। अब इससे फायदा यह होगा कि आपको कैथी भाषा को ट्रांसलेट कराने के लिए इधर उधर भटकना नहीं पड़ेगा।
हम बिहार सरकार ने मांग करते हैं कि हमारे आवेदन पर बांकी अन्य मांगों को भी लागू करे ताकि आम आवाम को राहत मिल सके। आप अपनी राय कमेंट बॉक्स में लिखकर बता सकते हैं।
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