ISBL Hospital वसंत कुंज के कर्मचारियों ने ऐतिहासिक जीत दर्ज, मांग रखी

नई दिल्ली: ISBL Hospital, वसंत कुंज, नई दिल्ली के कर्मचारी पिछले 3 जून 2017 से अपनी मांगों के समर्थन में धरना पर थे. जिसके बाद श्रम मंत्रालय दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारिओं के हस्तक्षेप के बाद प्रबंधन और कर्मचारी एसोसिएशन के प्रतिनिधि के बीच दिल्ली सचिवालय में समझौता के बाद दिनांक 22.06.2017 को धरना समाप्त कर दिया गया.

ISBL Hospital, वसंत कुंज के कर्मचारियों ने जीत दर्ज?

ISBL Hospital, वसंत कुंज कर्मचारियों ने सरकार के समक्ष निम्नलिखित मांग रखी है –

1. अनिल लाम्बा, नर्स, जोकि एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन (ई.डब्ल्यू.ए.) के महासचिव है ko नौकरी pr बहाल किया जाए I  ई.डब्ल्यू.ए. को मान्यता दी जाए .
3. एच. आर. मेनुअल/पालिसी/कर्मचारियों की सेवा शर्तों की पुनर्समीक्षा की जाए . कर्मचारी विरोधी शर्तें हटाई जाएं.
4. सभी कांट्रेक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों की नौकरी को नियमित किया जाए .
5. समान काम के लिए समान वेतन दिया जाए .
6. प्रबंधन मनमर्जी से पोस्ट/पद बनाना बंद करे I प्रोमोशन पालिसी में पक्षपात, भेदभाव समाप्त किया जाए .

7. कर्मचारियों को मिल रही छुट्टी, ड्यूटी टाइमिंग व अन्य सेवा शर्तों में सुधार किया जाए . इत्यादिसीटू दिल्ली राज्य कमेटी के महामंत्री श्री अनुराग सक्सेना ने बताया कि ई.डब्ल्यू.ए. नेतृत्व सीटू राज्य नेतृव के साथ समस्याओं के समाधान हेतु श्री गोपाल राय, श्रम मंत्री दिल्ली सरकार से 21.06.2017 को मिला व पूरी स्थिति से उन्हें अवगत करवाया. प्रबंधन दुवारा दिखाये जा रहे.

अड़ियल रुख व हठ धर्मिता के बारे में बताया व समाधान हेतु उनसे दखल की मांग की गई. 22.06.2017 को उन्हीं के दखल से श्रम मंत्रालय दुवारा बैठक रखवाई गई. इस बैठक में इन सभी मांगों पर विस्तार पूर्वक चर्चा हुई.  जिसमे लगभग 3 घंटे लगे. जिसके उपरांत निन्मलिखित समझौता  सम्पन्न हुआ व कर्मचारियों का आन्दोलन सफलतापूर्वक समाप्त किया गया.

1. एच. आर. मेनुअल/पालिसी/कर्मचारियों की सेवा शर्तों की पुनर्समीक्षा के लिए कमेटी (वर्क्स कमेटी की तरह) का गठन किया गया.  इस कमेटी में 3 प्रतिनिधि प्रबंधन पक्ष की ओर से, 3 प्रतिनिधि कमचारियों की ओर से व इसके अध्यक्ष डा. वाई. के. जोशी रहेंगें. कर्मचारियों के प्रतिनिधि के नाम ई.डब्ल्यू.ए. तय करके बताएंगे I यह कमेटी अपने गठन के 3 माह के अंदर नए एच. आर. मेनुअल का प्रस्ताव प्रबंधन के सामने रख देगी. उसी के अनुसार भविष्य में कर्मचारियों की सेवा शर्तें तय होंगी.
2. अनिल लाम्बा, नर्स प्रबंधन को उनको किए गए नॉन-एक्स्टेंशन/ बर्खास्तगी के फ़ैसले के ख़िलाफ़ पुनर्समीक्षा के लिए लिखित में आवेदन देंगे. जिस पर विचार करते हुए प्रबंधन 2 दिन में उन्हें निलम्बित करते हुए घरेलू जांच का गठन करेंगी.  जिसमे अनिल अपना पक्ष रख पाएंगे. जांच औफिसर कोई रिटायर्ड न्यायाधीश अथवा श्रम अधिकारी रहेंगें, जिन्हें श्रम कानूनों का पूरा ज्ञान होगा. जांच के दौरान अनिल को नियम अनुसार निलंबन भत्ते को पाते रहेंगे.
3. दोनों पक्ष सहमत हुए की वे संस्थान में औद्योगिक शांति एवं सौहार्द बना कर रखेंगे.
ज्ञात हो कि आईएलबीएस अस्पताल के कर्मचारी जो पिछले 8-10 वर्षों से नियमित चरित्र के कार्यों में ठेके पर कार्यरत हैं. सीटू दिल्ली दुवारा ठेका प्रथा के खिलाफ़ चलाये गए अभियान के दौरान पिछले वर्ष संगठन से जुड़े थे. 330 सदस्यों के साथ ई.डब्ल्यू.ए. ने सीटू से नवम्बर 2016 में सम्बद्धता ली थी. अपनी समस्याओं व परेशानीयों से घिरे कर्मचारीगण ने दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल से समाधन के लिए गुहार लगाई थी.  बस तभी से कर्मचारी नेतृत्व पर प्रबंधन का कहर व प्रताड़ना शुरू हो गई. परन्तु नेतृत्व इनसे न तो डरा, न घबराया बल्कि उन्होंने प्रबंधन के कर्मचारी विरोधी रुख का डटकर मुकाबला किया.
जीना जोसफ, नर्स व ई.डब्ल्यू.ए. की उपाध्यक्ष व अनिल लाम्बा, महामंत्री इसकी जीती जागती मिसाल है. झूठे आरोपों व अपराधिक केस दर्ज होने से भी यह साथी नहीं घबराए. अनिल लाम्बा के ख़िलाफ़ की गयी कार्यवाही को हर कर्मचारी ने अपने उपर हुए अत्याचार/हमले के रूप में लिया. जिसका प्रतिफलन 3 जून से शुरू किए गए अनिश्चितकालीन धरना/आंदोलन के रूप में नज़र आया.  साथ ही यदि प्रबंधन कर्मचारियों की मांगें नहीं मानता है तो 27 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल का नोटिस भी प्रबंधन को यूनियन दुवारा दे दिया गया था.
इसी बीच साथी राकेश कुमार को सीनियर नर्स इंचार्ज दुवारा जाति सूचक शब्दों से किये गए सम्बोधन के ख़िलाफ़ वे दोषी व्यक्ति पर कार्यवाही की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए . जो 8 दिन चली. कर्मचारियों की अपनी मांगों के प्रति कटिबद्धता को देखते हुए आखिर कार प्रबंधन को मांगें स्वीकार करनी पड़ी और विधिवत रूप से आन्दोलन समाप्त किया गया.
धरना व हड़ताल समापन की सभा की शुरुआत साथी अभिषेक ने की व सभा की अध्यक्षता के लिए जीना जोसफ, उपाध्यक्ष को आमंत्रित किया. उन्होंने पूरे समझोते के बारे में विस्तार पूर्वक रखा. उन्होंने सभी व्यक्तियों व संगठन का ई. डब्ल्यू. ए. की ओर से आंदोलन को दिए गए समर्थन व सहयोग के लिए धन्यवाद किया. उन्होंने सीटू संगठन नेतृत्व से लगातार मिले सहयोग व मार्गदर्शन के लिए उनका विशेष रूप में धन्यवाद किया. बिबिन मेथेयु, संयुक्त सचिव ईवा, वीरेंद्र गौड, अध्यक्ष, एच सी पंत, उपाध्यक्ष, अनुराग सक्सेना, महामंत्री, सीटू दिल्ली राज्य कमेटी व नेता एम्स स्टाफ एसोसियशन ने भी उपस्थित कर्मचारियों को सम्बोधन कर आंदोलन की सफ़लता पर बधाई दी.
संगठन की सदस्यता और बड़ाकर उसे मजबूत करने की सलाह दी. आन्दोलन से मिली जीत से किसी प्रकार के अतिउत्साह व आश्वस्त रहने के प्रति कर्मचारी नेतृत्व को आगह भी किया. कर्मचारियों ने बीच-बीच में जोरदार नारों के साथ अपनी जीत का जश्न मनाया. साथी जीना दुवारा धरने के समाप्ति की घोषणा की गई.
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