सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारियों के ग्रेच्युटी के बारे में दिया महत्वपूर्ण फैसला?

माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारियों के ग्रेच्युटी के बारे में महत्वपूर्ण फैसला दिया हैं. जिसके तहत लगातार पांच साल लगातार सर्विस देने के बाद कर्मचारी को पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 (Payment of Gratuity Act 1972) के तहत ग्रेच्युटी की पूरी राशि मिलेगी. किसी भी हाल में इसमें नियोक्ता कटौती नहीं कर सकता.

कर्मचारी को ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत पूरी राशि मिलेगी -SC

एक याचिका पर फैसला देते हुए जस्टिस आर भानुमती की पीठ ने कहा कि धारा 4 के अनुसार ‘सेवा समाप्ति’ यानी टर्मिनेशन (Termination) में सेवा से इस्तीफा देना (Resign) भी शामिल है. माननीय कोर्ट ने यह फैसला राजस्थान परिवहन की अपील पर दिया. जिसमें मृत कर्मचारी की पत्नी को ग्रेच्युटी देने का आदेश दिया गया था.

इस कर्मचारी ने अपनी बीमारी का हवाला देकर विभाग से सेवानिवृति की मांग की थी, मगर जब उसको रिटायर नहीं किया गया तो उसने सर्विस से इस्तीफा दे दिया. इसके कुछ दिन बाद उसकी मृत्यु हो गई.

उक्त कर्मचारी की पत्नी ने सेवानिवृति के लाभ मांगने के लिए हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने परिवहन संस्थान को आदेश दिया कि कर्मचारी को स्वयं वॉलंटरी रिटायर हुआ माना जाए और उसे सेवा समाप्ति के सभी लाभ जारी किए जाएं.

ये कमर्चारी ग्रेच्युटी का हकदार है – कोर्ट

इस संबंध में कोर्ट ने कहा यहां उसकी लगातार पांच वर्ष सेवा ही महत्वपूर्ण है. उसने सेवा से इस्तीफा दिया है, उसका कोई अर्थ नहीं है. यह स्पष्ट है उसकी सेवा में ब्रेक नहीं है और उसने इस्तीफा देने तक पूर्ण सेवा की है. इसलिए वह ग्रेच्युटी का हकदार है.

जिसके बाद विभाग ने हाईकोर्ट के फैसले को माननीय सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. जिसमे सुप्रीम कोर्ट ने परिवहन विभाग की अपील खारिज कर दी और कहा कि हाईकोर्ट का फैसला बिल्कुल सही है कि कर्मचारी इस्तीफा देने पर भी ग्रेच्युटी लेने का अधिकारी होता है. इसके लिए एक शर्त यही है कि कर्मी की सेवा पांच वर्ष तक लगातार होनी चाहिए. ग्रेच्युटी एक्ट की धारा 4 में यह साफ कहा गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारियों के ग्रेच्युटी के बारे में महत्वपूर्ण फैसला दिया

Gratuity Act क्या है?

कोई भी भी Employee जो 10 से अधिक Employee वाले स्थान पर काम करता है तो उसको को Gratuity Act 1972 के तहत कवर किया जाएगा.अगर एक Employee एक ही Employer के साथ 5 वर्ष की पूर्णकालिक Service पूरा कर लेता है तो वह Gratuity का हक़दार हो जाता है.

Gratuity Act, 1972 के अनुसार, कर्मचारी को उसकी सेवा के प्रत्येक वर्ष में 15 दिनों का वेतन Gratuity के तौर पर दिया जाता है. इस Act में कर्मचारी वह हैं जिन्हें कंपनी वेतन (Pay Rolls) पर रखती है, प्रशिक्षुओं (Trainees) को Gratuity नहीं मिलती है. Gratuity के तहत मिली 20 लाख तक की राशि पर Tax नही देना पड़ता है.

Gratuity क्लेम कैसे करें?

अब अगर आपने अपनी कंपनी में 5 साल की सेवा पूरी कर ली हैं तो ग्रेचुटी के लिए क्लेम कर सकते हैं. इसके लिए Company को Join करते वक़्त Employee को Form “F” भर कर उसमे अपने घर के किसी भी सदस्य को Nominee बनाना होता है. यहाँ पर यह बात बताना भी जरूरी है कि यदि Company घाटे में चल रही हो तो भी उसे Gratuity राशि का भुगतान करना होगा.

अतः यदि आप अपनी कंपनी को 5 साल से पहले बदलने की सोच रहे हैं तो थोडा सोच समझ कर निर्णय लीजिये क्योंकि यदि आपने किसी कंपनी में 5 साल से पहले नौकरी छोड़ दी है तो वहां पर आप Gratuity का दावा नही कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें-

Share this

8 thoughts on “सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारियों के ग्रेच्युटी के बारे में दिया महत्वपूर्ण फैसला?”

  1. यदि कंपनी gratuity देने से मना कर दे तो कहाँ complain करें।

    Reply
    • अगर आप ग्रेचुइटी के लिए योग्य हैं तो आपको पहले क्लेम करना होता हैं. इसकी जानकारी हमारे इसी ब्लॉग के “Employee Help Desk Page पर उपलब्ध हैं

      Reply
  2. Gratuity rule on last drawn salary
    Example: If someone gets increment Dec2019 and retired on 24 Jan 2020
    Which salary is applicable

    Reply
  3. Dear sir,
    i was teacher, from private government granted school. i have completed my 10 year service. i want to claim , but school and education dept said you are not able to get gratuity because u have only 10 years service and resigned .
    you are requested to please give me copy of gratuity act 1972 as you said or give me d book name where i found its detail to show them. or guide me what should i do ? for getting my gratuity amount.
    i watch your gratuity youtube video.
    i sent you d same on your whatapp no. too.

    Please guide me sir.
    Regards
    Maa Yog Rajani

    Reply

Leave a Comment