समान वेतन की मांग के लिए Bihar Niyojit Teacher सड़क पर, बहुत देर कर

कल अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस था. इस अवसर पर मंगलवार 1 मई को बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के तत्वावधान में अपनी विभिन्न मांगों लेकर पूरे प्रदेश में प्रतिरोध मार्च निकाला गया. सोशल मिडिया से मिली जानकारी के अनुसार इस प्रदर्शन में सड़क पर उतरे  Bihar Niyojit Teacher ने सरकार के रवैये के खिलाफ अपना आक्रोश जताया.

Bihar Niyojit Teachers को सातवें वेतन का लाभ

यह प्रतिरोध मार्च में मुख्य तौर पर पटना हाई कोर्ट के समान कार्य के लिए समान वेतन संबंधी आदेश को लागू कराने की मांग के लिए आयोजित किया गया था. इसके साथ ही नियोजित शिक्षकों को राज्य सरकार द्वारा घोषित सातवें वेतन का लाभ देने एवं वेतन निर्धारण की विसंगतियों के निराकरण और समय पर वेतन भुगतान सुनिश्चित कराने की मांग की गई.

प्रतिरोध मार्च संघ के मुख्यालय से निकला

राजधानी में यह प्रतिरोध मार्च संघ के मुख्यालय जमाल रोड से सुबह दस बजे निकला. प्रमंडलीय सचिव चंद्रकिशोर कुमार, पटना जिला अध्यक्ष मुख्तार सिंह, सचिव सुधीर कुमार, संघ के राज्य कार्यकारिणी सदस्य प्रभाकर कुमार, मृत्युंजय कुमार, कौशल किशोर, जितेन्द्र कुमार, जयनंदन यादव, डॉ शशि प्रभा आदि ने इसका नेतृत्व किया. अलग-अलग जिलों के Bihar Niyojit Teachers ने जमाल रोड, एसपी वर्मा रोड, फ्रेजर रोड, जेपी गोलंबर, आरबीआई, उद्योग भवन, कारगिल चौक होते हुए पटना समाहरणालय पहुंचे जहां मार्च सभा में तब्दील हो गया.
इस मौके पर संघ के राज्य कार्यकारिणी सदस्य प्रभाकर कुमार ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन मामले में सुप्रीम कोर्ट को लगातार निराधार तथ्यों से गुमराह कर रही है. एक तरफ राज्य सरकार विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण पठन-पाठन बात करती है तो वहीं दूसरी तरफ इसकी राह में बाधा बन रही है. राज्य सरकार अपने घोषित निर्णयों को भी पूरा करने से मुकर रही है.
संघ के अध्यक्ष केदार नाथ पाण्डेय (सदस्य, बिहार विधान परिषद) एवं महासचिव पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने संयुक्त बयान में कहा कि संघ ने 1 मई अन्तर्राष्ट्रीय मजूदर दिवस के ऐतिहासिक अवसर पर सरकार की शोषणमूलक नीति के खिलाफ एकताबद्ध प्रतिरोध कर सरकार को चुनौती दी है. यदि समान कार्य के लिए समान वेतन का न्यायिक निर्णय लागू नहीं हुआ तो पूरे राज्य के शिक्षक उग्र से उग्र आन्दोलन के लिए विवश होंगे. उन्होंने संघ के आह्वान पर मार्च को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए सभी शिक्षकों को बधाई भी दी.

कोई भी शिक्षक संघ का नेता अपने बात पर खड़ा नहीं उतरा

ऐसे Bihar Niyojit Teacher को यह काम बहुत पहले करना चाहिए था. अब तो इस मामले में राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील कर चुकी है. अब इसका फैसला वही से होना सम्भव है. ऐसे में हम तो यही कहेंगे कि बहुत देर कर दी सनम आते आते. खैर , लोगों को लामबंद करना जरुरी. कल क्या फैसला आ जाए कोई नहीं जनता. ऐसे भी कोई संघ के नेता न तो भगवान् हैं और न ही जज. कोर्ट का फैसला जज के हाथ में ही है. अभी तक तो कोई भी शिक्षक संघ का नेता अपने बात पर खड़ा नहीं उतरा. आगे देखते है कि क्या होता है.

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